रायपुर

बच्चों की पैतृकता से इंकार करना गम्भीर क्रूरता- पति ने गलती मानी
22-Feb-2022 7:23 PM
बच्चों की पैतृकता से इंकार करना गम्भीर क्रूरता- पति ने गलती मानी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर,  22 फरवरी
। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य डॉ. अनिता रावटे ने महिलाओं से संबंधित शिकायतों की सुनवाई की। आज जनसुनवाई में 25 प्रकरणों के 20 पक्षकार उपस्थित हुए। 2 प्रकरण नस्तीबद्ध करते हुए शेष अन्य प्रकरण को आगामी सुनवाई के लिए  रखा गया।

आज प्रस्तुत एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसके पति ने शादी के बाद बेटा नहीं हुआ कहकर तंग करता था। अभी 9 माह की गर्भवती हूँ और पति कहता है कि दोनों बच्चे मेरे नहीं है, पिता के नाम में किसी का भी नाम लिखवा लो। पति  ने आयोग के समक्ष स्वीकार किया कि दोनों बच्चे मेरे है। चूकि अभी पत्नी 9 माह की गर्भवती है होने वाले बच्चे के हित में काउंसलिंग कराया गया और पति को समझाइश दिया गया कि पारिवारिक कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक वहन करना पति-पत्नी की संयुक्त जवाबदारी है। पत्नी की डिलीवरी और इलाज का खर्च पति स्वयं वहन करे।
   
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसके पति की मृत्यु के बाद उनके दोनो बड़े भाईयों ने सम्पत्ति के बंटवारे में हक नहीं दिया है।मकान का बंटवारा भी बदल दिया है। जिस पर अनावेदक ने बताया कि मृतक अपने हिस्से की जमीन बेच चुका है और मकान का बंटवारा पटवारी से कराया है। आयोग में दोनो पक्षो को प्रकरण के निराकरण के लिए सम्बंधित समस्त दस्तावेज लेकर आगामी सुनवाई में लेकर आने का निर्देश दिया गया।

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