रायपुर

उधारी का पैसा न देने के लिए अश्लील हरकत करने का लगाया झूठा आरोप, आयोग ने महिला को लगाई गई फटकार
23-Feb-2022 9:06 PM
उधारी का पैसा न देने के लिए अश्लील हरकत करने का लगाया झूठा आरोप, आयोग ने महिला को लगाई गई फटकार

पत्नी से 4 लाख रुपये ऐंठने के साथ मानसिक एवं शारिरिक शोषण करने वाले पति और परिवारवालों पर होगी प्राथमिकी दर्ज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर,  23 फरवरी।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य डॉ अनिता रावटे  ने दूसरे दिन भी  प्रकरणों की सुनवाई की।

आज जनसुनवाई में 25 प्रकरणों के  22 पक्षकार उपस्थित हुए। 2 प्रकरणों को निगरानी में रखते हुए, 8 प्रकरण नस्तीबद्ध कर  शेष को अगली  सुनवाई के लिए रखा गया।

आज एक प्रकरण में अनावेदक ने बताया कि आवेदिका लिखित इकरारनामा के माध्यम से व्यक्तिगत 50 हजार रुपये लिया है और वापस न करना पड़े इसलिए झूठी शिकायत आयोग में की थी। आवेदिका से पूछताछ करने पर उसने स्वीकार किया कि उसने 50 हजार रूपये लिया है और वह एक माह के अंदर आयोग के समक्ष रुपये वापस देना स्वीकार किया है। आवेदिका का कथन है कि अनावेदक ने उसे डांट लगाई थी इसलिए उनके खिलाफ आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला आयोग में महिलाओं की रक्षा का अर्थ कतई यह नही है कि महिला अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर पुरुषों के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराए आवेदिका को आयोग के समझाइश दिए जाने पर आवेदिका ने आयोग के समक्ष अनावेदक से माफी मांगी और अगली सुनवाई में रुपये वापस करने की सहमति भी दी है।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने पहले पति से तलाक और गुजारा भत्ता के साथ दोनो बच्चों की मांग की। अनावेदक और आवेदिका ने दूसरा विवाह कर लिया है। अब बच्चों पर दावा कर रहे है, यह स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि बिना तलाक लिए दोनो पक्ष शादी कर दोषी साबित हो चुके हैं। ऐसी स्थिति में प्रकरण का निराकरण किया जाना उचित नहीं होगा क्योंकि दोनों की स्थिति वैधानिक नही है। इस पूरे प्रकरण में दोनो मासूम बच्चे दुर्भाग्यजनक स्थिति पर है। माता-पिता के रहते हुए दोनो बच्चे अनाथ हो गये है, चूंकि प्रकरण में नाबालिग बच्चे का हैं। इस कारण आयोग ने इस प्रकरण को तत्काल बाल संरक्षण आयोग के तत्कालीन सहायक संचालक वर्तमान में जिला कार्यक्रम अधिकारी रायपुर से दूरभाष पर चर्चा कर दोनो पक्षो को बाल संरक्षण आयोग से कार्यवाही करने की बात कही गई। जिस पर इस प्रकरण की सम्पूर्ण फाइल और दोनो पक्षो को नाबालिग बच्चो के साथ बाल संरक्षण आयोग भेजा गया।

एक अन्य प्रकरण में अनावेदक आयोग के पिछली 3 सुनवाई में अनुपस्थित रहा। आज की सुनवाई में अनावेदक को थाना भाटापारा के माध्यम से उपस्थित किया गया। आवेदिका ने बताया कि उनका अनावेदक से वर्ष 2016 से प्रेम संबंध रहा हैं। इन संबंधों की आड़ में अनावेदक आवेदिका का आर्थिक शोषण करता रहा। अक्टूबर 2019 में आर्य समाज मे शादी करने के बाद अपने अपने घर वालो को बाद में बताएंगे कहकर आवेदिका का आर्थिक और शारीरिक शोषण भी करता रहा। आवेदिका को अलग अलग तरीके से डरा धमकाकर 4 लाख रुपये ले चुका है। आवेदिका को पत्नी के रूप में रखने और जिम्मेदारी से बचने के लिए लगातार मानसिक शोषण भी कर रहा है। अनावेदक के पिता भी अनावेदक के इस कृत्य में बराबर के सहभागी है। अनावेदक लगातार आवेदिका के पैसे देने से इंकार कर रहा है और उसने स्वीकार किया कि आवेदिका से 4 लाख रुपये लिए है। इस गम्भीर प्रकरण पर आयोग ने आवेदिका को स्थानीय पुलिस थाना में जाकर अनावेदक और उनके परिवार वालो के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण की एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश के साथ प्रकरण को नस्तीबद्ध किया।

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