रायपुर
![एम्स की शिकायतों के निराकरण के लिए महिला आयोग पूरे दिन करेगा सुनवाई, डायरेक्टर तलब एम्स की शिकायतों के निराकरण के लिए महिला आयोग पूरे दिन करेगा सुनवाई, डायरेक्टर तलब](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1645711849.jpg)
भरण-पोषण का आदेश नहीं मानना न्यायालय की अवमानना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर 24 फरवरी। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य डॉई अनिता रावटे ने गुरुवार को भी 30 प्रकरणों की सुनवाई की। आज जनसुनवाई में 22 पक्षकार उपस्थित हुए।
आज रायपुर स्थित एम्स अस्पताल के प्रकरण में आवेदिका ने उल्लेखित किया की एम्स के विरुद्ध कई शिकायतें है। क्या कारण है कि एम्स के डॉक्टर एक दूसरे के खिलाफ, एक छात्रा की आत्महत्या के खिलाफ प्रकरण महिला आयोग में लंबित है। इन सभी शिकायतों के निराकरण के लिए महिला आयोग के अध्यक्ष डाॅ किरणमयी नायक ने एम्स के डायरेक्टर को बुलाकर एम्स के सभी प्रकरणों की सुनवाई एक साथ रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एम्स के समस्त प्रकरणों को एक साथ जांच कराकर एक दिन सिर्फ एम्स के ही प्रकरणों में जनसुनवाई किया जाएगा। इसके लिए सभी प्रकरणों की सूची बनाकर एम्स के डायरेक्टर को भेजकर विस्तृत जानकारी के आधार पर रिपोर्ट लेकर आयोग में आने के लिए सूचना आयोग से भेजा जाएगा जिससे एम्स के समस्त प्रकरण निराकृत किया जा सके।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदक पति और बुआ ने आयोग में लिखित आपत्ति प्रस्तुत किया है जिसमे वैवाहिक जीवन महज 7 दिन ही रहा है। आवेदिका पत्नी को एसडीओपी के माध्यम से आवेदिका के पिता को सुपुर्द किया गया। आवेदिका की शिकायत पति और बुआ के खिलाफ आपराधिक मामलों के लिए पर्याप्त है। आवेदिका को समझाइश दिया गया कि वह सहमति के आधार पर प्रकरण के समापन के लिए अपना प्रस्ताव अनावेदक पक्ष के सामने रख सकते है। अध्यक्ष डाॅ नायक ने कहा कि अनावेदक पति एक जिम्मेदार विधिक व्यक्ति होने के साथ न्यायाधीश के पद पर कार्यरत है और दोनो पक्षों के लिये श्रेष्ठ होगा कि आपसी सहमति से इस प्रकरण का सम्पूर्ण पटाक्षेप करें। इस प्रकरण को आगामी सुनवाई के लिए रखा गया है।
इसी तरह एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि न्यायालय के द्वारा भरण-पोषण के लिए पारित आदेश का पालन नही कर रहा है और बिना तलाक के दूसरी शादी कर चुका है। अनावेदक की दूसरी पत्नी प्रेग्नेंट थी जिसका दस्तावेज श्वेता हॉस्पिटल में है। आवेदिका ने हॉस्पिटल में दस्तावेज के लिये आवेदन लगाया था परंतु नही मिला। अनावेदक कोरबा सीएसईबी में क्लर्क के पद पर कार्यरत है जिसका मासिक वेतन 30 हजार है। अनावेदक द्वारा अब तक न्यायालय के आदेश का पालन नही किया गया है। भरण-पोषण से बचने के लिए हाई कोर्ट में केस लगाया है। ऐसी दशा में प्रकरण के निराकरण के लिए श्वेता अस्पताल में एक पत्र दस्तावेज देने के लिए भेजा गया।