रायपुर

पति बिस्तर में, मजार के पास से भिखारी समझ बुजुर्ग पत्नी को उठा ले गए आश्रय गृह, परिजनों का आरोप, जबरन चाहर दीवारी में कर दिया है कैद
26-Feb-2022 5:01 PM
पति बिस्तर में, मजार के पास से भिखारी समझ बुजुर्ग पत्नी को उठा ले गए आश्रय गृह, परिजनों का आरोप, जबरन चाहर दीवारी में कर दिया है कैद

कलेक्टर से शिकायत की तैयारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 26 फरवरी। 
शहर में भीख मांगने वालों को आश्रय गृह में रखे जाने की व्यवस्था के बीच एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक बहू ने अपनी सास को जबरन बंधक बनाने आरोप लगाया है। बहू का कहना है जिला प्रशासन व संस्था के कुछ लोगों ने बंजारी वाले बाबा के मजार के पास से भिक्षुक कहकर उठा लिया। बाद में आश्रय गृह में डाल दिया। 60 वर्षीय बुजुर्ग शहजादी रूखसाना इन दिनों परेशान है। बुजुर्ग के पति रहीम खान का पहले से तबीयत खराब है और वह बीमार रहकर जिंदगी से जूझ रहे हैं। बहू अफसाना बेगम ने गुरूवार को बातचीत के दौरान बताया, 19 तारीख को जिला प्रशासन व संस्था के लोगों ने उनकी सास को आश्रय गृह में छोड़ दिया। पहले तक बुजुर्ग के आगे पीछे कोई नहीं है कहकर उनका नाम आश्रय गृह में दर्ज करा दिया, जब परिजन वहां तक पहुंचे तो संस्था के लोगों ने उन्हें मिलने से ही मना कर दिया। बहू ने बताया, संस्था की संचालिका से मिलने के बाद उन्होंने बुजुर्ग को सौंपने के बजाए उल्टा खदेड़ दिया। मोवा में बनाए गए भिक्षुक आश्रय गृह में उन लोगों को रखा जाता है जिनके आगे पीछे कोई नहीं है या फिर कोई अपने घर जाना नहीं चाहता है। भिक्षा मांगकर जीने खाने की मजबूरी है, उनके लिए आश्रय गृह बनाया गया है। हीरापुर जरवाए में रहने वाली शहजादी को जबरन चार दीवार के भीतर कैद करके रखा जा रहा है। परिवार वाले उन्हें अपने साथ ले जाने की मांग कर चुके हैं। बहू और घरवालों ने बताया, संस्था की मनमानी के खिलाफ उन्होंने कलेक्टर के पास शिकायत दर्ज कराने की बात कही है।

काम की तलाश में बुजुर्ग
मजार के पास आकर बुजुर्ग रूकसाना काम की तलाश में रहती है। बहू का कहना है शादी ब्याह के आयोजनों में अगर कोई काम पर बुलाता तो वह मजार के पास से चली जाती है। ससुर के लंबे समय से बीमार रहने की वजह से देखरेख की सारी जिम्मेदारी सास ने संभाल रखी है। अब जब उन्हें कैद कर रखा गया है, ससुर के लिए चिंता बढ़ गई है।

शहर में चल रहा अभियान
आश्रय गृह बनने के बाद शहर में कलेक्टर ने  मांगकर जीवन यापन करने वालों की पूछ परख के साथ जरूरतमंदों को आश्रय गृह भेजने निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में समाज कल्याण विभाग की ओर से अभियान चलाकर भिक्षुक लोगों के बेहतर जीवन के लिए उन्हें आश्रय गृह में रखा जा रहा है। इसके लिए एक सामाजिक संस्था को दायित्व सौंपा है। अभियान के बीच अलग तरह का मामला सामने आया है, जिसमें परिजनों ने आरोप लगाए हैं।
 

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