रायपुर
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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 26 फरवरी। छत्तीसगढ़ में वित्तीय वर्ष 2021-22 में पंजीयन विभाग द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में जनवरी 2022 तक 27.89 प्रतिशत अधिक राजस्व अर्जित किया गया है। इस समय पूरे प्रदेश में 1390.55 करोड़ राजस्व अर्जित किया गया है, जबकि वर्ष 2020-21 में इस अवधि तक 1087.34 करोड़ रूपए का राजस्व अर्जित किया गया था। यह जानकारी सुश्री इफ्फत आरा महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक कार्यालय द्वारा जिला पंजीयकों की मासिक समीक्षा बैठक में दी गई।
बैठक में इफ्फत आरा ने अधिकारियों से कहा कि जिला पंजीयक राजस्व वसूली की निर्धारित प्रक्रिया का कढ़ाई से पालन करें। आरआरसी प्रकरणों में बकाया राजस्व वसूली किया जाना सुनिश्चित करें। इससे राज्य के राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी।
बैठक में जिले में राजस्व प्राप्तियों, पंजीबद्ध दस्तावेजों, मुद्रांक एवं राजस्व वसूली (आर.आर.सी.) प्रकरणों के संबंध में समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि इस वित्तीय वर्ष में पंजीयन विभाग के लिए 1700 करोड़ राजस्व लक्ष्य निर्धारित है, जिसके विरूद्ध जनवरी माह तक 80 प्रतिशत राजस्व प्राप्त हो चुका है। साथ ही जिला पंजीयक कार्यालयों में राजस्व (आर.आर.सी.) के लगभग 1076 प्रकरण वसूली के लिए लंबित हैं, जिनमें 48.68 करोड़ रूपए राजस्व निहित है।
बैठक में जिला पंजीयकों छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों के तहत राजस्व वसूली की प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत रूप से प्रशिक्षण दिया गया. उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 के धारा 146, 147 के अंतर्गत जिला पंजीयकों को बकाया राजस्व की वसूली के लिए तहसीलदार को अधिकार प्रदत्त है। बैठक में उप महानिरीक्षक पंजीयक सुशील खलखो, मदन कोर्पे एवं विभिन्न जिलों के जिला पंजीयक उपस्थित थे।