रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 मार्च। तीन मार्च को डब्ल्यूएचओ द्वारा हर वर्ष विश्व श्रवण दिवस मनाया जाता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और ईएनटी विशेषज्ञों की संस्था एओआई की रायपुर शाखा द्वारा कल गुरूवार को एक वेबीनार का आयोजन किया गया है। जिसमें विशेषज्ञ डॉ. लोगों को बहरेपन से बचने, और ध्वनि प्रदूषण से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से बताएंगे। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विकास कुमार अग्रवाल, एओआई के अध्यक्ष डॉ. अनिल जैन, और संयुक्त सचिव डॉ. दिग्विजय सिंह ने आज एक पत्रकारवार्ता में बताया कि ध्वनि का स्तर 50 डेसिबल से अधिक होने पर मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसके बावजूद प्रदेश के साथ विश्वभर में ध्वनि प्रदूषण की तीव्रता 55 से 75 डेसिबल तक होती है। उन्होंने सरकारों से मांग की है कि ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए कानून का सख्ती से पालन कराए। डॉ. जैन ने कहा कि डीजे, और धूमाल बैंड आदि का इस्तेमाल अपनी मौज मस्ती के नाम पर न करें। डॉ. अग्रवाल और डॉ. सिंह ने कहा ध्वनि प्रदूषण को रोकने नागरिकों को भी आगे आना होगा। इसके लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाए, जो प्रदूषण कम करने के साथ ध्वनि तीव्रता को भी कम करने में मदद करते हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में ध्वनि प्रदूषण से कान की बीमारियों का ट्रेंड देखा जा रहा है। इसमें कान से मवाद बहने, और कान के पर्दे में छेद होने जैसे मामले प्रमुख हैं।