रायपुर
चुनाव के मद्देनजर कुंडली बना रही पुलिस
मनीष बाघ
रायपुर, 3 मार्च। राजधानी में शांति व्यवस्था को लेकर पुलिस चिंतित है। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह संवेदनशील इलाकों को दायरा बढ़ जाना है। शहर में अब ऐसे इलाके भी पुलिस की खुफिया लिस्ट में शामिल है जो कभी पॉश रिहायशी इलाके में से एक थे। डीडी नगर जैसा इलाका भी अब पुलिस की सूची में शामिल हो चुका है। इसके अलावा नए क्षेत्रों में संजय नगर, मोती नगर, गाजी नगर, बीरगांव, मोवा, सड्ढू क्षेत्र भी पुलिस की सूची में शामिल किए गए हैं। जबकि शहर में ताज नगर, राजा तालाब, मौदहापारा, बैजनाथपारा जैसे इलाके पहले ही अतिसंवेदनशील इलाकों में है। पुलिस सूत्रों के अनुसार अब जिस तरह से इलाकों का विस्तार हुआ है, तो पुलिस ने ऐसे लोगों की कुंडली भी बनानी शुरू कर दी है जिनके बयान या फिर सोशल एक्टिविटी से शांति व्यवस्था भंग होने का डर है। रायपुर में पुलिस टीम डीएसबी यानी कि डिस्ट्रिक स्पेशल ब्रांच की टीम को मैदान में उतारा है। डीएसबी से जुड़े एक अफसर का कहना है अभी उनके पास जो जानकारी है उसमें बीस से बाइस लोग ऐसे हैं जिनकी गतिविधियों से कभी भी माहौल बिगड़ सकता है, लिहाजा सांप्रदायिक हिंसा की स्थिति कभी न हो, इसलिए बराबर उनकी गतिविधियों पर चौकसी हो रही है। किसी वर्ग विषेष नहीं बल्कि ऐसे लोग जो सोशल मीडिया में भी एक्टिव रहकर माहौल खराब करते हैं, उन्हें भी सर्विलांस के दायरे में लेकर नजरें जमा रहे हैं। शहर में सांप्रदायिक खतरे को लेकर फिलहाल उच्च स्तर पर अधिकारी कोई पुष्टि नहीं कर रहे है लेकिन एक सूत्र का पुख्ता खुलासा है कि आने वाले एक से दो साल के बीच राजनैतिक गतिविधियां बढऩे के साथ ये लोग फायदा उठाकर शांति व्यवस्था बिगाड़ सकते हैं। जिन लोगों पर खुफिया टीम को नजरें जमाने के लिए निर्देशित किया है इनमें से कई नामचित चेहरे हैं। हालांकि सार्वजनिक तौर पर इनके नामों का खुलासा कर पाना मुश्किल है। सुरक्षागत कारणों से पुलिस पूरी तरह से गोपनीयता बरत रही है।
धर्मांतरण का मुद्दा गरमा चुका
पुरानी बस्ती क्षेत्र में धर्मांतरण का मुद्दा गरमा चुका है। बता दें थाना के अंदर घुसकर मारपीट के मामले में एक समुदाय के लोगों की गिरफ्तारी कर पुलिस ने उन्हें जेल दाखिल कराया था। यह घटना इसलिए गंभीर विषय है क्योंकि किसी वर्ग विशेष के पदाधिकारी को पुलिस सुरक्षा घेरा में हमला कर चोटिल करने की कोशिश हुई थी। विडिया वायरल होने के बाद पुलिस ने हमला करने वालों की शिनाख्ती की और फिर मामले को नियंत्रण में लेकर आवश्यक कार्रवाई की।
सुकमा से लेटर पर सियासत
पूर्व में सुकमा एसपी के द्वारा जारी किए गए एक लेटर से भी सियासी बवाल मच चुका है। धर्मांतरण के चलते आंतरिक सुरक्षा को लेकर एसपी का पत्र काफी चर्चे में रहा था। इसे लेकर विपक्ष ने लगातार सरकार और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए थे। हालांकि सरकार ने साफ तौर से कहा, मामला पूरी तरह से नियंत्रण में है।
कम्यूनिटिंग पुलिसिंग पर जोर
इसके पहले डीजीपी अशोक जुनेजा ने एक प्रेसवार्ता के दौरान सांप्रदायिक मामलों को लेकर कहा था कि पुलिस कम्यूनिटिंग पुलिसिंग को लेकर फोकस करेगी। लोगों के बीच पहुंचकर स्थितियों का जायजा लिया जाएगा। रायपुर में सोशल मीडिया एक्टिीविटी की विशेष निगरानी रखी जा रही है। कई हाईप्रोफाइल एकाउंट भी सर्विलांस में है।