रायपुर

पुरानी योजना लागू होने से हर साल बचेंगे 110 करोड़, और पेंशन देनदारी अभी नहीं 2035 में
03-Mar-2022 5:53 PM
पुरानी योजना लागू होने से हर साल बचेंगे 110 करोड़, और पेंशन देनदारी अभी नहीं 2035 में

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 3 मार्च। राजनीतिक रूप से उच्चस्तरीय निर्देशों के बाद राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की दिशा में तेजी से काम शुरू कर दिया है। वित्त विभाग का अमला इस योजना के नफे नुकसान के कैलकुलेशन में जूट गया है। विभाग 2005 में ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों का पैमाना मानकर आंकलन कर रहा है। इसके मुताबिक इस योजना के लागू होने से सरकार पर कोई बड़ा आर्थिक बोझ पड़़ता नजर नहीं आ रहा है। इसके उलट सरकार के हर साल 110 करोड़ रूपए बचेंगे, और 2005 में भर्ती अमले को पेंशन की देनदारी भी 30 साल बाद आएगी। 

वित्त अफसरों के आंकलन के अनुसार  राज्य में इस समय 2 लाख 95 हजार 110 अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत है। इनमें डेढ़ लाख शिक्षाकर्मी हैं। नवम्बर 2004 से लागू नई पेंशन योजना अब तक राज्य सरकार, औ्र कर्मचारियों का पेंशन मद में 10-10 प्रतिशत का शेयर था। अप्रैल 22 से राज्य सरकार का शेयर बढक़र 14 प्रतिशत हो जाएगा। पेंशन फंड के संचालन के लिए राज्य सरकार एनएसडीएल मुबंई को सालाना 221 करोड़ रूपए का भुगतान करती है। पूरानी योजना लागू होने से सरकार को लगभग आधी रकम 110 नहीं देने पड़ेंगे।

वित्त विभाग ने 2005 में भर्ती हुए कर्मचारियों को मानक मानकर किए गए आंकलन के अनुसार बताया है कि एनएसडीएल का शेयर बचेगा वहीं पेंशन की देनदारी भी फौरन न होकर 30 साल बाद वर्ष 2035 से होगी। तब तक पेंशन की यह राशि जीपीएफ में जमा होती रहेगी। एक तरह से पुरानी योजना सरकार के लिए आय का बड़ा साधन भी होगा। 

यह है नफा नुकसान

पुरानी पेंशन योजना में जीपीएफ की सुविधा है।पेंशन के लिए वेतन से कटौती नहीं होता है। रिटायरमेंट पर निश्चित पेंशन यानी अंतिम वेतन का 50 फीसदी  तक निश्चित पेंशन सरकार देती है। रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी मिलता है। जोकि अंतिम वेतन का 16.5 गुणा तक होता है। सेवाकाल में मृत्यु होने पर आश्रित को पारिवारिक पेंशन एवं अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता है।जी पी एफ से लोन लेेने की सुविधा है। जीपीएफ निकासी (रिटायरमेंट के समय) पर कोई आयकर नहीं लगता है। नई पेंशन योजना  में जीपीएफ की सुविधा नहीं है। पारिवारिक पेंशन का प्रावधान नहीं है। लोन की कोई सुविधा नहीं है। विशेष परिस्थितियों में जटिल प्रक्रिया के बाद ही केवल तीन बार रिफंडेबल लिया जा सकता है। रिटायरमेंट पर अंशदान की जो 40 फीसदी राशि वापस मिलेगा उस पर पर आयकर लगता है।

पुरानी योजना लाभदायक नहीं..

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा,मुख्य प्रवक्ता विजय झा , प्रवक्ता बी पी शर्मा ,सचिव राजेश चटर्जी,महामंत्री आर के रिछारिया, डॉ लक्ष्मण भारती, कोषाध्यक्ष सतीश मिश्रा एवं संगठन मंत्री संजय सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से राज्य में पुरानी पेंशन योजना  को लागू करने का मांग की है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारी-अधिकारी के लिए नया पेंशन योजना लागू किया था। जोकि कर्मचारी-अधिकारी एवं उसके परिवार के  भविष्य के लिए लाभदायक नहीं है।

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