रायपुर
![बीओसी में जमा 561 करोड़ के खर्च को लेकर लंबी चर्चा, मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा सदन से बाहर बीओसी में जमा 561 करोड़ के खर्च को लेकर लंबी चर्चा, मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा सदन से बाहर](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1646916477mage.jpg)
मंत्री के जवाब को लेकर कई बार उत्तेजना भी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 मार्च। भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल (बीओसी) में जमा सैकड़ों करोड़ रूपए की राशि का मजदूरों के लिए खर्च न करने को लेकर विधानसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। करीब आधे घंटे तक चली चर्चा के बाद भाजपा के विधायकों ने मंत्री पर गलत उत्तर देने का आरोप लगाते हुए सदन से वाक आउट कर दिया।
गुरूवार को प्रश्नकाल में भाजपा के बृजमोहन अग्रवाल ने पूछा था कि बीओसी में कितने मजदूर रजिस्टर्ड हैं, और उनका कितना पैसा जमा है। श्रम मंत्री शिव डहरिया ने बताया 20 लाख 41 हजार 557 श्रमिक पंजीकृत हैं। जमा राशि की जानकारी उपलब्ध करा दूंगा। इससे बृजमोहन सहमत नहीं थे। उन्होंने कहा बीओसी में 6 सौ करोड़ जमा है। सरकार ने कोरोनाकाल में भी मजदूरों को एक भी पैसा नहीं दिया। मंत्री डहरिया ने कहा कि इनको कौन बता दिया कि 6 सौ करोड़ जमा है पता करके बता देंगे। इस पर अग्रवाल ने आपत्ति की कि उत्तर देने का तरीका ठीक नहीं। सरलता से जवाब देना चाहिए। ऐसा ही होगा, तो मंत्रियों के प्रश्नों का बहिष्कार कर सकते हैं। स्पीकर डॉ. महंत ने समझाइश दी गई दोनों तरफ से उत्तेजना थोड़ी कम होनी चाहिए। अग्रवाल ने फिर पूछा मंत्रीजी तीन साल की जानकारी दे दें। मंत्री डहरिया ने बताया कि परिशिष्ट में पूरा जवाब है। फिर से बता देता हूं तीन साल में 561 करोड़ जमा है। अग्रवाल ने पूरक प्रश्न किया कि राज्य गठन के समय से कितना पैसा जमा है, अभी कितना जमा है। और कितने मजदूर को लाभ दिया गया है। मंत्री ने बताया कि नया राज्य बनते ही बीओसी का गठन नहीं हुआ था। सितंबर 2008 में इसका गठन हुआ था। नेता प्रतिपक्ष ने स्पीकर से कहा प्रश्न सीधा है, मंत्रीज का जवाब भी सीधा आना चाहिए। बृजमोहन ने फिर आरोप लगाया कि मजदूरों के पैसे में गफलत की गई है। उन पर खर्च नहीं किया गया है। और अन्य योजनाओं में खर्च कर दिया गया है। मंत्री डहरिया का कहना था कि वित्त विभाग की रोक के कारण खर्च नहीं किया गया। कोविड काल में अन्य मदों में जैसे शहरी स्लम योजना में राशि लगाई। बृजमोहन ने आपत्ति की कि इस पैसे का रोक का अधिकार नहीं है। न ही अन्य मदों में खर्च की जा सकती है। उन्होंने रोक लगाने की तिथि पुछी। मंत्री ने बताया मई 2020 को रोक लगाई गई थी जिसके बाद भी हमने 7 लाख मजदूरों को 11 करोड़ रूपए दिए हैं। लंबी चर्चा को देखते हुए स्पीकर महंत ने कहा कि एक प्रश्न पर 20 मिनट चर्चा हो गई है। बृजमोहन जी मंत्रीजी को आप सलाह दे दिजिए। अग्रवाल ने कहा इस प्रश्न को 6 बार पूछ चुका हूं। सातवीं बार चर्चा में आया है इसलिए चर्चा होनी चाहिए। और आसंदी से जांच की घोषणा होनी चाहिए। अजय चंद्राकर ने पूछा कि जमा 561 करोड़ खर्च के लिए क्या कोई कार्ययोजना बनाई गई है। मंत्री डहरिया ने बताया कि सरकार की 24 श्रमिक योजनाएं चल रही है। वित्त विभाग से अनुमति लेकर उनमें खर्च करेंगे। बृजमोहन ने कहा केन्द्र के नियमों के खिलाफ इस राशि का बंदरबाट, और भ्रष्टाचार किया जा रहा है। मंत्री ने इसे खारिज करते हुए कहा कि पैसा जमा है खर्च ही नहीं हुआ, तो भ्रष्टाचार कैसा। नेता प्रतिपक्ष ने स्पीकर से मांग की कि सदन कमेटी से जांच की घोषणा की जानी चाहिए। इस पर स्पीकर महंत ने व्यवस्था दी कि पूरी चर्चा हो गई है। इसके बाद शिवरतन शर्मा के प्रश्न पर मंत्रीजी आपत्ति के चलते भाजपा विधायकों ने सदन से बर्हिगमन कर दिया।