रायपुर
![‘भागती-दौड़ती जिंदगी के बीच कला संसार शीतलता देती’ ‘भागती-दौड़ती जिंदगी के बीच कला संसार शीतलता देती’](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1647093498ajypal-1.jpg)
राज्यपाल ने साधना कला संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी का शुभारंभ किया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 मार्च। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने टाउन हॉल में साधना कला संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कला सह छायाचित्र प्रदर्शनी का अवलोकन करने पहुंची। राज्यपाल ने टाउन हॉल में लगाये गए साधना ढांढ के कलाकृतियों का अवलोकन किया और उनकी सराहना की।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कलाप्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि साधना जी पिछले 40 वर्षों से कला की साधना कर रही है। इनकी कलाकृतियां मंत्रमुग्ध करने वाली है, फूल पत्तियों द्वारा बनाये गए भगवान गणेश के अमूर्त छायाचित्र आकर्षक है। उन्होंने कहा कि साधना ढांढ ने अपनी कल्पना और भावनाओं को जिस प्रकार से चित्रों में उकेरा वह मंत्रमुग्ध कर देने वाली है। भागती-दौड़ती जिंदगी के बीच यह कला संसार शीतलता देती है। उन्होंने कहा कि साधना ढांढ ने अपने अथक परिश्रम से कला की साधना कर अपने नाम को साकार किया है। वे संघर्ष की पर्याय हैं।
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की कुलपति श्रीमती मोक्षदा चंद्राकर ने कहा कि ईश्वर हमारे हाथों में केवल लकीरें देता है परंतु उसमें रंग हमें खुद ही भरना होता है। कार्यक्रम के अंत में सुश्री साधना ढांढ ने राज्यपाल को तंजौर कला पर आधारित भगवान गणेश का छायाचित्र भेंट की। राज्यपाल सुश्री उइके ने भी साधना ढांढ को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर रेरा के अध्यक्ष श्री विवेक ढांढ, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा उपस्थित थे।