कोण्डागांव

स्कूल का नाम को यथावत रखने 15 बच्चे साइकिल से निकले राज्यपाल से मिलने, प्रशासन ने रोका
29-Mar-2022 10:10 PM
स्कूल का नाम को यथावत रखने 15 बच्चे साइकिल से निकले राज्यपाल से मिलने, प्रशासन ने रोका

विधायक ने कहा बच्चों दिग्भ्रमित न करें, शिक्षा को लेकर राजनीति बंद करें

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
केशकाल, 29 मार्च।
केशकाल के शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूल के रूप में चयनित किया है, लेकिन स्कूली बच्चों ने जिला प्रशासन के इस निर्णय पर नाराजगी जाहिर की है। बच्चों का कहना है कि स्वामी अत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल का संचालन किया जाए लेकिन हमारे शासकीय बालक स्कूल का नाम परिवर्तित न किया जाना चाहिए।

इसी समस्या को लेकर पूर्व में भी स्थानीय जनप्रतिनिधि अधिकारी कर्मचारियों को भी अवगत कराया गया था लेकिन अब तक सार्थक निराकरण नहीं होने के चलते मंगलवार को बालक स्कूल के 15 बच्चे राज्यपाल से मुलाकात करने रायपुर जाने के लिए सायकल यात्रा पर निकल गए हैं। वहीं भाजपा मंडल केशकाल के पदाधिकारियों ने भी बच्चों की मांगों पर अपना समर्थन दिया है।

ज्ञात हो कि पूर्व में भी स्कुलीय बच्चो ने धरना प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन किसी भी प्रकार का आश्वासन नही मिलने पर आज सायकल से ही राज्यपाल से मिलने निकल गए।

स्कूली बच्चों के द्वारा केशकाल से रायपुर राज्यपाल को मिलने जाने की खबर लगते ही प्रशासन में हडक़ंप मच गई । जिसके बाद तहसीलदार व पुलिस टीम के साथ सभी बच्चों को केशकाल घाट में रुकवा दिया। लेकिन कुछ बच्चे केशकाल घाट से आगे निकल चुके थे जिसके बाद सभी बच्चों को दादरगढ़ के पास रुकवाया गया। जिसके बाद तहसीलदार आशुतोष शर्मा और स्कूल संस्था प्राचार्य विश्वकर्मा के द्वारा बच्चों को बार-बार समझाइश दी गई, लेकिन बच्चों ने किसी के बात नहीं सुनी।

फलस्वरूप केशकाल एसडीएम डी.डी मण्डावी को सूचना मिलते ही वह तत्काल बच्चों से मिलने दादरगढ़ पहुंच गए। जहाँ उन्होंने छात्रों को घंटों समझाइश देते हुए बताया कि वह स्थानीय विधायक संतराम नेताम जी से अपनी मांगों को लेकर चर्चा करें,  जिसके बाद सभी बच्चे सहमति देते हुए वापस केशकाल आ गए।

छात्रों को नहीं होगी कोई भी परेशानी-विधायक
केशकाल विधायक संतराम नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में एक स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल खोला जा रहा है, जिसके माध्यम से अंदरूनी क्षेत्र के बच्चों को निशुल्क अंग्रेजी स्कूल में पढऩे का अवसर मिलेगा। साथ ही समय के साथ नए भवन का भी निर्माण होगा। छात्रों को आश्वासन दिया कि सरकार के द्वारा हिंदी माध्यम और अंग्रेजी माध्यम स्कूल को अलग अलग किया जाएगा, किसी भी बच्चे को कोई परेशानी नहीं होगा। रही बात नाम बदलने की तो कोई भी छात्र अच्छे संस्था में पढऩा चाहता है और अपना नाम रोशन करना चाहता है । यदि कोई गरीब परिवार के बच्चे स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ कर अपने गांव अपने स्कूल का नाम रोशन करता है, तो यह बहुत अच्छी बात है। इसलिए किसी भी बच्चे को स्कूल का विरोध नहीं करना चाहिए और जो भी बच्चों को दिग्भ्रमित कर रहे हैं वे शिक्षा जैसे मुद्दे को लेकर राजनीति करना छोड़ दें।

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