रायपुर
![28 संगठन विरोध में उतरे, बूढ़ापारा में ही धरना देकर सत्तासीन हुए नेता, अब विरोध क्यों 28 संगठन विरोध में उतरे, बूढ़ापारा में ही धरना देकर सत्तासीन हुए नेता, अब विरोध क्यों](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/165219249101.jpg)
प्र्रस्तावित धरना स्थल
धरना देने नहीं जाएंगे नवा रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 मई। छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन से जुड़े 28 संगठनों के एक लाख से अधिक कर्मचारियों ने धरना स्थल बदले जाने के फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि वे धरना देने के लिए 28 किमी दूर नवा रायपुर नहीं जाएंगे। इस आदेश को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन बताया है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार झा, जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खान ने बताया है कि राज्य निर्माण के बाद स्वाभाविक रूप से लोकतंत्र में धरना, प्रदर्शन, रैली शासन-प्रशासन का ध्यान आकृट करने तथा जनमानस में शासन की नीतियों के प्रस्तुतीकरण हेतु आवश्यक अंग है। इसी बुढ़ातालाब धरना स्थल का चयन किया गया जहां चारो दिशाओं में आवागमन की सुविधा, धरना स्थल मुख्य मार्ग के अंदर व सामने तालाब पानी की व्यवस्था को दृष्टिगत् रखते हुए, धरना रैली की स्थिति की स्थिति में अन्य दिषाओं के मार्गो से आवागमन की व्यवस्था हो जाने के कारण चयनीत किया गया। राजनैतिक दलों के नेतागण भी इसी धरना स्थल पर धरना प्रदर्शन कर ही सत्ता की उचाईयों कों प्राप्त किए है। ऐसी स्थिति में प्रदश के राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों, कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधियों व प्रेस प्रिंट व इलेक्टानिक मिडियों के प्रतिनिधियों से चर्चा करने के बाद ही धरना स्थल बदलने व नवीन स्थल चयनीत करने के संबंध में निर्णय लिया जाना चाहिए था। धरना स्थल बदलने का छग. कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन से संबंद्व 28 मान्यता प्राप्त संगठनों सहित गैरमान्यता प्राप्त संगठन, विद्युत संविदा कर्मचारी संध, मनरेंगा कर्मचारी संध, छग.अनियमित संयुक्त कर्मचारी महासंध, गृहनिर्माण मण्डल कर्मचारी संध, उद्यानिकी दैनिक वेतन भोगी संध, स्वास्थ संयोजक कर्मचारी संध, मंत्रालय संचालनालय कर्मचारी संध सहित, अखिल भारतीय बैंक एम्प्लाईज यूनियन, लाल झण्डा, मजदूर यूनियन, रायपुर टेड यूनियन कौंसिल, निगम मण्डल कर्मचारी महासंध, क्रेडा कर्मचारी संध, रविशंकर विश्व विद्यालय कर्मचारी संध, नगर निगम कर्मचारी महासंध, आंगन बाड़ी महिला कर्मचारी संध, सहित अनेक संगठनों ने बिना किसी सुविधा, सुरक्षा के 28 किलो मीटर दूर संचालनालय मंत्रालय से भी पृथक स्टेडियम के पास खुले स्थान को चयन करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है।