रायपुर

दो बार बृजमोहन भी बाल-बाल बचे, एक बार तो नड्डा भी साथ थे...
13-May-2022 5:02 PM
दो बार बृजमोहन भी बाल-बाल बचे, एक बार तो नड्डा भी साथ थे...

‘छत्तीसगढ़’ में 17 मई 2016 को प्रकाशित खबर

  कई बार तकनीकी खराबी आ चुकी   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 मई।
सरकारी हेलीकॉप्टर अगुस्ता पहले भी कई बार दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बचा है। दो बार तो तत्कालीन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की जान आफत में आ गई थी। एक बार बृजमोहन अग्रवाल के साथ तत्कालीन प्रदेश भाजपा के प्रभारी जगतप्रकाश नड्डा भी थे। उस समय पायलट कृष्णगोपाल पंडा ने सुझ बुझ का परिचय देकर किसी तरह मुश्किलों से निकाला था, और सुरक्षित लैंडिंग कराई थी।

पंडा करीब 12 साल से सरकारी हैलीकॉप्टर उड़ा रहे थे। उन्हें अनुभवी, कुशल, और सुझ बुझ वाला पायलट माना जाता रहा है। पहले भी सरकारी हेलीकॉप्टरअगुस्ता के दुर्घटनाग्रस्त होने की नौबत आई थी, लेकिन उस समय भी पंडा ने विपरीत स्थितियों से निकाल लिया था, लेकिन गुरूवार की रात एयरपोर्ट रनवे पर वो सुरक्षित लैंडिंग नहीं करा सके और ेहेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में पंडा के अलावा पायलट एके श्रीवास्तव की मौत हो गई।

 

बताया गया कि पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल भी इसी हेलीकॉप्टर में यात्रा के दौरान दो बार बाल-बाल बचे हैं। बात वर्ष-2016 की है। तब अग्रवाल कृषि मंत्री थे। वो ग्राम सुराज यात्रा में हेलीकॉप्टर से पंखाजुर गए थे। लौटते समय चारामा के आसपास हैलीकॉप्टर का एक इंजन बंद हो गया था। चूंकि डबल इंजन के इस हेलीकॉप्टर का दूसरा इंजन चल रहा था। पंडा इस हैलीकॉप्टर उड़ा रहे थे। उन्होंने धमतरी, और अन्य जगहों में सुरक्षित लैंडिंग की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाए।

बृजमोहन अग्रवाल के साथ उनके सचिव मनोज शुक्ला, और आकाश विग भी थे। मनोज शुक्ला याद करते हैं कि अचानक हेलीकॉप्टर का हाइड्रोलिक चक्का भी बंद हो गया। हम सभी घबरा गए। तब हेलीकॉप्टर उड़ा रहे पंडा ने उन्हें दिलासा दिया कि वो सडक़ पर सुरक्षित लैंडिंग करा लेंगे। इसके बाद उन्होंने धैर्यपूर्वक ऊंचाई कम की, और हेलीकॉप्टर एयरपोर्ट में सुरक्षित लैंडिंग करवाई थी।

शुक्ला बताते हैं कि सभी को हिदायत दी थी कि वो रनवे पर ऊंचाई कम करेंगे, और एक-एक कर कूद जाएं। लेकिन ऐसी नौबत नहीं आई। हाईड्रोलिक चक्का शुरू हो गया, और सुरक्षित लैंडिंग हो पाई। एयरपोर्ट पर दमकल गाडिय़ां, और सुरक्षा अमला पहुंच चुका था। पंडा ने इस दौरान काफी धैर्य, और हिम्मत का परिचय दिया।

इससे पहले भी इस तरह का वाक्या हुआ था। उस समय इसी हैलीकॉप्टर में बृजमोहन अग्रवाल के साथ तत्कालीन प्रदेश प्रभारी जेपी नड्डा भी थे। दोनों कटघोरा के दौरे पर गए थे, तब मौसम की खराबी के कारण खेत में लैंडिंग करानी पड़ी। उस समय भी कैप्टन पंडा हेलीकॉप्टर उड़ा रहे थे। तब बृजमोहन, और नड्डा को पैदल कटघोरा आना पड़ा था। तत्कालीन सीएम डॉ. रमन सिंह के यात्रा के दौरान हैलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आ गई थी। उस समय भी आपात लैंडिंग  करानी पड़ी थी।

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