रायपुर
![प्रदेश के सभी निर्माण विभागों के टेंडर का बहिष्कार प्रदेश के सभी निर्माण विभागों के टेंडर का बहिष्कार](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1652538503G_LOGO-001.jpg)
छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन की बैठक में निर्णय
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 मई। छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन की लगातार चल रही बैठको के दौर प्रदेश के सभी निर्माण विभागों के टेंडर प्रकिया की पूरी तरह बहिष्कार करने का एलान कर दिया। इसके साथ ही 14 मई से अब प्रदेश का कोई भी कॉन्ट्रैक्टर ना तो ऑनलाइन न ही मैन्युअल टेंडर फॉर्म भरेगा और ना ही किसी को भरने देंगे। शनिवार को एसोसिएशन के सभी जिला अध्यक्षों की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बता दें कि पिछले 1 सप्ताह से कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन अपनी जायज मांगों को लेकर संघर्षरत है। प्रदेश अध्यक्ष वीरेश शुक्ला के नेतृत्व में लगातार बैठकों का दौर चला जिसमें करोड़ों रुपए से लेकर सभी श्रेणी के पंजीकृत हजारों ठेकेदार शामिल हुए और महंगे मटेरियल के दामों में हुई 50 से 60 प्रतिशत बढ़ोतरी के कारण निर्माण कार्य करने मैं असमर्थता जताया गया एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने बताया कि प्रदेश भर के कांट्रेक्टर एक जुट हैं।
10 साल पुराने निर्माण विभाग के SOR और बाजार मूल्य में निर्माण मटेरियल इतना महंगा हुआ है कि कांट्रेक्टर बाजार और बैंकों से कर्ज लेकर पूरी तरह से कर्ज में डूबते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में निर्माण कार्यों को ना तो पूरा कराने की स्थिति में है और ना ही अब किसी तरह के टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे। निर्माण विभागों में अनुबंध के बाद मटेरियल के दामों में हुई बढ़ोतरी की वजह से ऐसा निर्णय लेने को मजबूर हो गए हैं। एसोसिएशन के इस फैसले का बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भी अपना पूरा समर्थन छत्तीसगढ़ के कांट्रेक्टर को देने की घोषणा की। बिल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष केसी राव ने जारी बयान में कहा कि छत्तीसगढ़ शासन के समस्त निर्माण विभागों के शेड्यूल ऑफ रेट (एसओआर) और बाजार मूल्य में 50 से 60% का अंतर आया है। इसलिए छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर एसोसिएशन ने जो फैसला लिया है वह ठेकेदारों को कर्ज में डूबने से बचाने वाला हितकारी निर्णय हैं।