रायपुर
![हादसे के कुछ मिनट पहले पायलटों ने एटीसी को हेलीकॉप्टर में खराबी की सूचना दी थी... हादसे के कुछ मिनट पहले पायलटों ने एटीसी को हेलीकॉप्टर में खराबी की सूचना दी थी...](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1652540717acb02f4-2182-465f-8794-4bc.gif)
डीजीसीए की जांच जारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 मई। हेलीकॉप्टर हादसे की डीजीसीए जांच कर रही है। यह बात सामने आई है कि हादसे के कुछ मिनट पहले पायलटों ने एयर टै्रफिक कंट्रोल (एटीसी) को हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी की सूचना दी थी। एटीसी ने तुरंत लैंडिंग के लिए कहा था। फिर एटीसी से संपर्क टूट गया, और फिर हेलीकॉप्टर गिर गया।
सरकारी हेलीकॉप्टर अगुस्ता के दुर्घटनाग्रस्त होने की डीजीसीए जांच कर रही है। डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन (डीजीसीए) इस सिलसिले में एयरपोर्ट, से लेकर विमानन विभाग के लोगों से भी जानकारी ले रही है। चूंकि दोनों ही पायलट एपी श्रीवास्तव, और कृष्णगोपाल पंडा बेहद अनुभवी थे।
बावजूद इसके हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से हडक़ंप मचा है। दोनों ही पायलटों की मृत्यु हो गई। ऐसे में हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों का पता लगाना आसान नहीं है। जांच का सारा दारोमदार हेलीकॉप्टर के ब्लैक बाक्स में दर्ज पायलट और एटीसी अफसरों के बीच हुई चर्चा पर निर्भर करेगा। इसके बावजूद कुछ जानकारियां ऐसी मिली है जिससे घटना का तकरीबन सच सामने आ रहा है।
एयरपोर्ट के एक उच्चाधिकारी ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि पायलटों, और एटीसी के लोगों की आखिरी में क्या बातचीत हो पाई है वे साझा नहीं करते हैं। सीधे डीजीसीए को ब्यौरा उपलब्ध कराते हैं। डीजीसीए, एटीसी से वस्तुस्थिति की जानकारी लेने की कोशिश कर रही है। डीजीसीए की टीम जांच पूरी होते तक रायपुर में कैंप करेगी।
बताया गया कि हेलीकॉप्टर रात्रि 9.10 मिनट पर लैंडिंग के दौरान क्रैश हुआ। दूसरी तरफ घटना को लेकर राजनीति भी चल रही है। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने घटना को लेकर सवाल खड़े किए हैं। इस पर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह दुर्भाग्यजनक है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष इस दुखद घटना पर भी स्तरहीन अमानवीय राजनीति कर रहे है।
भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि हेलीकॉप्टर का नियमित सर्विसिंग देखरेख नहीं होती थी। नेता प्रतिपक्ष का यह आरोप बेहद ही आपत्तिजनक है, इतनी गंभीर दुर्घटना के बारे में बिना किसी जानकारी के आरोप लगाना अपरिपक्व बयान है। देशभर में जितने भी हेलीकाप्टर और विमान है उन सब का परीक्षण कर उसे उड़ान की पात्रता का प्रमाण पत्र डीजीसीए नियमित जारी करती है। छत्तीसगढ़ में हेलीकाप्टर के रखरखाव के लिये योग्य विशेषज्ञ इंजिनियरिंग अमला है जो इसकी बराबर देखभाल करता है, नियमित देखरेख का रिकार्ड रखा जाता है।
तुरंत लैंडिंग की कोशिश सफल नहीं हो पाई
सूत्र बताते हैं कि घटना के करीब 5-7 मिनट पहले पायलटों ने एटीसी को हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आने की सूचना दी थी। एटीसी ने तुरंत लैंडिंग करने का सुझाव दिया था। पायलटों ने इसके लिए भरसक कोशिश भी की, लेकिन वो सफल नहीं हो पाए। कुछ क्षण बाद हेलीकॉप्टर का एटीसी से संपर्क भी टूट गया।