रायपुर
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विशेषज्ञों की राय
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 26 मई। रायपुर वेश्यावृति को पेशा मानते हुए इनके विरूद्ध कार्यवाही को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हिदायत भी दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कानून के जानकारों ने कहा कि इससे ऐसे पेशे में लिप्त लोगों को संरक्षण मिलेगा और संविधान के तहत लोगों को पेशा चुनने की स्तंत्रता भी होगी।
राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पांडे ने एक चर्चा में कहा कि इस तरह के प्रोफेशनल लोग स्वेच्छा से तो नही आते। इस वजह से उन्हें सामाजिक आर्थिक सुरक्षा नही मिलती। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी असुरक्षा का खतरा बना रहता है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सेक्सवर्कर्स के प्रति नयी सोच आएगी। इस फैसले की बिनाह पर केन्द्र - राज्य सरकारों को नीतियां बनानी चाहिए ताकि इन लोगों को आर्थिक सामाजिक सुरक्षा मिल सके। बाल संरक्षण आयोग की पूर्व अध्यक्ष शताब्दी पांडे का कहना है कि इसे लेकर वर्षो से सेक्स र्वेर कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है। जो स्वागतेय है। पांडे ने कहा कि गैर कानूनी ढग़ से हो तो पुलिस कार्यवाही कर सकेगी। इस निर्णय के परिपेक्ष्य में अब पेशा चुनने की स्वतंत्रता भी होगी। क्योकि संविधान भी व्यक्ति को पेशा चुनने की स्वतंत्रता देता है। रिटायर्ड स्पेशल डीजी आर के विज ने भी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया र्ह। उन्होंनं कहा कि इस फैसले में सेक्स वर्कर और वेश्यावृत्ति में भेद स्वरूप होता है अब सेक्स वर्कर को प्रोटेकशन देना होगा। पुलिसवालों को भी यह भेद समझकर कार्यवाही करनी होगी ताकि सेक्स वर्कर के अधिकारों का उल्ल्घन न हो।