रायपुर
![छत्तीसगढ़ी फिल्मों के लिए संभावनाओं का दरबार खोलती ‘भूलन द मेज’ छत्तीसगढ़ी फिल्मों के लिए संभावनाओं का दरबार खोलती ‘भूलन द मेज’](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/16535775984.gif)
देश भर में 27 को एक साथ हो रही रिलीज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 25 मई। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाली फिल्म ‘भूलन द मेज’ के निर्देशक मनोज वर्मा ने रायगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से इस फिल्म से परिचित कराया और क्षेत्रीय फिल्म से राष्ट्रीय पुरस्कार पाने तक के अपने सफर के बारे में भी बताया। ‘भूलन द मेज’आगामी 27 मई से सिनेमाघरों में लगने वाली है।
समानांतर सिनेमा की तरह दिखने वाले इस फिल्म की कथानक के बारे में बताते हुए मनोज वर्मा ने कहा कि यह फिल्म बक्शी जी का उपन्यास भूलन कांदा पर आधारित है। उपन्यास को फिल्म के हिसाब से स्क्रिप्ट लिखने में ढाई साल लग गए। उन्होंने बताया कि इस फिल्म में मुकेश तिवारी, राजेन्द्र गुप्ता जैसे हिंदी कलाकारों को भी इस लिए लिया गया है ताकि देश भर इसे देख जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि इस फिल्म का एक गाना कैलाश खेर ने गया है।
‘भूलन द मेज’ एक जंगली फल के इर्द गिर्द घूमती है। जिसके बारे में मानना है कि उसपर पांव रखने से आदमी थोड़ी देर के लिए सबकुछ भूल जाता है। उसे होश तबतक नहीं आता जब तक कोई उसे छू न ले। फिल्म में भूलन कांदा के बहाने न्याय व्यवस्था पर भी चोट करती है।
मनोज वर्मा ने बताया कि ऐसी कथानक पर काम करना मुश्किल भी होता है और रिस्की भी।
बहरहाल ‘भूलन द मेज’ छत्तीसगढ़ की पहली फिल्म बन गयी है, जो देश भर में कई स्क्रीन पर एक साथ प्रदर्शित हो रही है। इससे पहले छत्तीसगढ़ की फिल्में मात्र छत्तीसगढ़ में ही प्रदर्शित होती रही है। यह पहला मौका है जब देश भर के 100 स्क्रीन पर छत्तीसगढिय़ा फिल्म का पदार्पण होगा।
ज्ञात हो कि 25 अक्टूबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में छत्तीसगढ़ के फिल्म निर्माता मनोज वर्मा की फिल्म ‘भूलन द मेज’ को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया। ज्ञात हो कि यह फिल्म इससे पहले कोलकाता, दिल्ली, ओरछा, आजमगढ़, रायपुर, रायगढ़, अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल इटली और कैलिफोर्निया भी पुरस्कार हासिल कर चुकी है।