रायपुर
![हैदराबाद में लापरवाह चालकों की होती है रैंकिंग, 12 अंक जुटा लिए तो लायसेंस हैदराबाद में लापरवाह चालकों की होती है रैंकिंग, 12 अंक जुटा लिए तो लायसेंस](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1653661099ownload.jpg)
सस्पेंड, दिल्ली में सोशल मीडिया ब्रांच से ट्रैफिक कंट्रोल, रायपुर काफी पीछे
राज्य से हैदराबाद और दिल्ली भेजे गए अफसरों ने पुलिस मुख्यालय को सौंपी रिपोर्ट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 मई। राज्य के बाहर हैदराबाद और दिल्ली में यातायात पर नियंत्रण पूरी तरह से हाईटेक तकनीक पर निर्भर है। खास तरह के प्रयोग से चालकों की लापरवाही रोकने का सिस्टम बना हुआ है। हैदराबाद में अगर कोई चालक बार-बार नियमों का उल्लंघन करे तो बकायदा उसकी रैंकिंग तय की जाती है। पुलिस लापरवाह को अंक देकर केस रजिस्टर्ड करती है। अगर लापरवाह चालक का अंक 12 पहुंच जाए तो सीधे लायसेंस दो साल के लिए सस्पेंड कर दिया जाता है। पेनाल्टिी पाइंट सिस्टम से यह कार्रवाई होती है। दिल्ली में भी खास तरह के हाईटेक इंतजाम है। यहां यातायात संभालने सोशल मीडिया ब्रांच बना हुआ है। जिसका काम सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर आने वाली सूचनाओं को संकलित कर तत्काल इसके निराकरण करने के लिए होता है। दो बड़े शहरों में यातायात का अध्ययन कर छत्तीसगढ़ पुलिस लौटी है। अफसरों का कहना है, जिस तरह के वहां इंतजाम है, छत्तीसगढ़ में रायपुर शहर अभी काफी पीछे है। हाईटेक ट्रेफिक सिस्टम बनाने होंगे। पुलिस मुख्यालय की तरफ से एएसपी व डीएसपी रैंक के अफसरों को हैदराबाद और दिल्ली भेजा गया था। अफसर यहां से अध्ययन कर लौट आए हैं। डीएसपी मणिशंकर चंद्रा, सतीश सिंह ठाकुर, गुरजीत सिंह और एएसपी महेश्वर नाग हैदराबाद, दिल्ली, बैंगलुरू और मुंबई में अध्ययन कर लौटे हैं। हैदराबाद और दिल्ली में पड़ताल के बाद अफसरों ने अनुभव साझा करते हुए बताया कि एडवांस तकनीक से यातायात कंट्रोल किया जा रहा है। वहां जिस तरह से सिस्टम बनाया गया है, उसकी जरूरत रायपुर में भी है। यातायात जागरूकता के मामले में शहर के लोग काफी पीछे हैं। मेट्रो सिटी की तर्ज पर अवेयरनेस की ज्यादा जरूरत है। इस वर्ग में युवाओं को शामिल करना जरूरी है।
हैदराबाद ट्रैफिक इंटीग्रेटेड सिस्टम की खास बातें
दिल्ली की रिपोर्ट में यह खास बातें
यातायात सिग्नल 24 घंटे का काम करता है।
वर्चुअल लुक कैमरा के माध्यम से ट्रैफिक सिग्नल कंट्रोल।
सिग्नल एडाप्टिक ट्रैफिक कंट्रोल प्रणाली के माध्यम से संचालित।
हैवी ट्रैफिक के हिसाब से ऑटोमेटिक सिग्नल की टाइमिंग चेंज।
चौक चौराहों एवं मार्गों में लगाए गए मैसेज बोर्ड से सूचनाओं का आदान प्रदान नियमित।
ट्रैफिक स्टेशन- दिल्ली को 85 सर्किल में बांटा गया है। 7000 पुलिस बल के साथ यातायात संभालने प्रबंध। सभी सर्किल में निरीक्षक प्रभारी।
सर्वर रूम- दिल्ली में एक सर्वर रूम जो एनआईसी से कनेक्ट है। पुलिस अफसरों द्वारा कार्रवाई के दौरान सारा डाटा सर्वर रूम में अपलोड हो जाता है।