रायपुर

सांई वाटिका डकैतीकांड की तस्वीर साफ, वारदात में लोकल नहीं बाहरी गैंग का हाथ, अब पड़ोसी राज्यों की पुलिस से मदद
28-May-2022 7:08 PM
सांई वाटिका डकैतीकांड की तस्वीर साफ, वारदात में लोकल नहीं बाहरी गैंग का हाथ, अब पड़ोसी राज्यों की पुलिस से मदद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 28 मई। पिछले महीने सांई वाटिका देवपुरी में दिनेश साहू के यहां हुई डकैती के मामले में पुलिस ने गिरोह के मामले में तस्वीरें साफ कर दी है। पुलिस का मानना है कि साहू परिवार को बंधक बनाकर वहां लूटपाट करने के पीछे लोकल नहीं बल्कि किसी बाहरी गिरोह का हाथ था। देवास और गोंदिया में छानबीन के बाद पुलिस को कुछ इनपुट हाथ लगे हैं। अब गिरोह की तलाश के लिए नए सिरे से टीम बनाकर जांच पड़ताल तेज की गई है। सीपत, गोंदिया और देवास में कई दिनों तक डेरा जमाए रहने के बाद पुलिस टीमें लौट आई है लेकिन दूसरे राज्यों की पुलिस से संपर्क साधकर गिरोह के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास है। डकैतीकांड से जुड़े एक अफसर से बातचीत के दौरान मालूम हुआ है कि संदिग्ध फोन नंबरों की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने बिना मोबाइल उपयोग किए ही साहू परिवार में धावा बोला था। आरोपी अपने ठिकाने से मोबाइल तो लेकर निकले थे लेकिन रायपुर शहर में प्रवेश करने के बाद मोबाइल फोन स्वीच ऑफ कर दिया। यही कारण है कि सांई वाटिका में वारदात के वक्त उस लोकेशन पर कोई भी नंबर ट्रेस नहीं हो सका। पुलिस के लिए दोहरी मुसीबत यह थी कि कॉलोनी में सिर्फ एक जगह कैमरा था, लेकिन रात के अंधेरे में कैमरे के फुटेज से भी आरोपियों का चेहरा साफ नहीं दिखा। रेलवे स्टेशन से लेकर पचपेड़ी नाका की तरफ लगे हुए लगभग 200 कैमरे खंगाले गए लेकिन इसके बाद भी आरोपियों का हुलिया सामने नहीं आ सका। मामले में अब पुलिस को यह भी चिंता है कि आरोपियों के पकड़े जाने के बाद उनकी पहचान हो पाएगी या नहीं। साहू परिवार में दंपत्ति को बंधक बनाया गया था लेकिन पंद्रह मिनट के भीतर जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया गया, दंपत्ति आरोपियों के चेहरे भी ठीक तरह से देख नहीं सके।

4 टीमें बनाई लेकिन सभी खाली हाथ

डकैतीकांड में एंटी क्राइम एंड सायबर यूनिट से चार अलग-अलग टीमें बनाकर इस केस में छानबीन शुरू हुई। पिछले महीने पांच तारीख के बाद से टीम शहर के बाहर अलग-अलग ठिकानों में तो निकली लेकिन आरोपी गिरोह के बारे में पुख्ता सुराग नहीं जुटा सके। घर से दोपहिया ले जाने के बाद पुलिस को उम्मीद थी कि दोपहिया तक पहुंचने के बाद गिरोह को पकड़ लिया जाएगा लेकिन पुलिस टीमें दोपहिया तक नहीं ढूंढ सकी।

गोंदिया में ऐसी ही वारदात, क्लू नहीं

सांई वाटिका में डकैतों ने जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया ठीक इसी तरह की घटना गोंदिया में हुई थी। गोंदिया पुलिस में संपर्क कर रायपुर पुलिस ने वहां की जानकारी जुटाई। बताया गया है यहां भी सोते वक्त एक परिवार को इसी तरह से बंधक बनाकर कमरे में लूटपाट की गई। बिल्कुल एक जैसे तरीके से यहां भी डरा धमकाकर कैश और जेवर लूटे। पुलिस को आशंका है कि गोंदिया के बाद इस गिरोह ने रायपुर आकर वारदात करने का प्लान बनाया। दोनों घटनाओं में एक ही गिरोह के शामिल होने की आशंका है।

कुत्ते पर भरोसा पड़ गया महंगा

मेडिकल कारोबारी दिनेश साहू के यहां लेबराडोर डॉग है। डॉग की उम्र काफी ज्यादा है। बुजुर्ग अवस्था में डॉग अक्सर बीमार रहता है। जिस दिन वारदात हुई दिनेश ने बताया कि डॉग के भरोसे ही वे दरवाजा खोलकर सो जाते थे। डकैत जिस दिन घुसे थे उस दिन भी यही सोचकर दरवाजे का कुंडा नहीं लगाया था।

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