रायपुर
![छत्तीसगढ़ से 25 हजार करोड़ का निर्यात, इस बार कपड़े और प्रोसेस्ड फूड भी छत्तीसगढ़ से 25 हजार करोड़ का निर्यात, इस बार कपड़े और प्रोसेस्ड फूड भी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1653745451ownload.gif)
इस बार चावल की भी मांग अधिक रही
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 मई। दो वर्षों के कोरोना काल के बाद छत्तीसगढ़ से निर्यात में जबर्दस्त उछाल आई है। वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में 21-22 में 25 प्रतिशत की वृद्धि आंकी गई है। इस बार उल्लेखनीय यह रहा कि छत्तीसगढ़ से पहली बार कपड़ों का भी निर्यात हुआ।
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग ने वर्ष 2021-22 के लिए निर्यात की रिपोर्ट तैयार कर ली है। जो सोमवार को जारी होगी। इसके मुताबिक 31 मार्च को खत्म हुए वर्ष में छत्तीसगढ़ से 25400 करोड़ से अधिक की वस्तुओं और जिन्सों का निर्यात हुआ । राज्य से सर्वाधिक चावल की डिमांड रही। इसके बाद आयरन ओर, सिमेंट और एल्युमिनियम रहे। इनके अलावा प्रोसेस्ड फूड, कपड़े एवं मशीनरी पाट्र्स भी निर्यात किए गए। विभाग के सूत्रों का कहना है कि इस बार प्रोसेस्ड फूड और कपड़ों का निर्यात उल्लेखनीय रहा। दो वर्ष के कोरोनाकाल के बाद विश्व स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर के काम तेज होने लगे हैं। इस वजह से आयरन ओर, सीमेंट और मशीनरी का निर्यात भी बढ़ा है। इसके चलते निर्यात में लगभग 25 फीसदी की वृद्धि हुई है। गतवर्ष यह आंकड़ा 17199 करोड़ का रहा।
छत्तीसगढ़ राज्य तीन वर्षों में निर्यात की दिशा में उल्लेखनीय कदम बढ़ाये गऐ हैं। वित्तीय वर्ष 18-19 में कुल निर्यात 8709 करोड़ रूपए ,19-20 में कुल निर्यात 9067.92 करोड़ रूपए से बढक़र 20-21 में कुल निर्यात 17199.97 करोड़ रूपए हो गया है । वर्ष 20-21 में छत्तीसगढ़ के कुल निर्यात उत्पाद में चावल 5487.16 करोड़ रूपय आयरन और स्टील 3423.06 करोड़ ,एल्युमिनियम एवं एल्युमिना उत्पाद 3159.76 करोड़ और आयरन अयस्क 3486.06 करोड़ रू,रूपए लौह एवं स्टील के उत्पाद 547.53 करोड़ रूपए का निर्यात किया गया । छत्तीसगढ़ से प्रमुखत: जर्मनी , चीन , सउदी अरब , आस्ट्रेलिया , जापान , ताईवान , इटली , सिंगापुर एवं बंग्लादेश को निर्यात होता है। भिलाई स्टील प्लांट , बालको , जिंदल ग्रुप एवं एनएमडीसी मोनेट इस्पात प्रमुख औद्योगिक इकाइयों है , जो अपने उत्पादों का निर्यात करती है । छत्तीसगढ़ राज्य चावल और आयरन ओर के बड़े निर्यातक होने के साथ - साथ हस्तशिल्प एवं हथकरघा , खादय उत्पाद भी वृहद मात्रा में निर्यात किये जाते हैं ।
निर्यात बढ़ाने के कारक
छत्तीसगढ़ से निर्यातकों को प्रोत्साहन देने के लिये नवीन औद्योगिक नीति 2019-24 में परिवहन अनुदान के रूप में इकाई स्थल से निर्यात स्थल तक वास्तविक भाड़ा के बराबर वित्तीय सहायता दी जाती है। अधिकत्तम सीमा 20 लाख रूपये प्रतिवर्ष तथा अनुसूचित जन जाति एवं अनुसूचित जाति वर्ग हेतु 30 लाख रूपये प्रतिवर्ष होगी । वैसे ही उत्पादों के भण्डारण हेतु कोल्ड स्टोरेज एवं ग्रामीण गोदामों जैसे सेवा क्षेत्रों को भी औद्योगिक नीति 2019-24 के तहत उद्योगों की भांति छूट / सुविधा / अनुदान की पात्रता प्रदान की गई है । खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने हेतु प्राथमिकता के क्षेत्र में सम्मिलित कर अन्य सामान्य उद्योगों से अधिक छूट सुविधा एवं अनुदान का प्रावधान किया गया है ।