रायपुर
रायपुर, 28 मई। वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने कहा है कि न्यायपालिका की निष्पक्षता एवं विश्वसनीयता पर जनता ही नही स्वयं सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालयों के रिटायर्ड न्यायाधीश ही कटाक्ष करते नजर आ रहे हैं। उनके बोल एवं विचारों ने न्यायपालिका को संदेह के दायरे में लाकर खड़ा कर दिया है। पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने इस संदर्भ में अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा है कि देश की न्याय प्रणाली जर्जर होती जा रही है तथा अदालत जाकर पक्षकार पछताते हैं। न्यायपालिका पर से जनता का विश्वास समाप्त होता जा रहा है। मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एस.एम. सुब्रहमणियम ने न्यायपालिका पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि सरकारी विभागों से ज्यादा भ्रष्टाचार न्यायपालिका में है। उन्होंने भ्रष्टाचार को रोकने निगरानी व्यवस्था को ज्यादा मजबूत करने की जरूरत भी महसूस की है।
रिजवी ने खेद व्यक्त करते हुए कहा है कि आजकल वकालत के पेशे में बिचौलियों की सक्रिय भूमिका ने न्यायपालिका को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। न्यायपालिका का वर्चस्व मजबूत करने के लिए नीचे से लेकर ऊपर तक की अदालतों में पदस्थ पीठासीन अधिकारियों का बिचौलियों से न्यायिक दूरी बनाने की आज महती आवश्यकता है।