रायपुर
![आरडीए के 75 हजार वर्गफीट जमीन पर बिल्डर का कब्जा, सीमाकंन के बाद सामने आई हकीकत, बसा दी अवैध कालोनी आरडीए के 75 हजार वर्गफीट जमीन पर बिल्डर का कब्जा, सीमाकंन के बाद सामने आई हकीकत, बसा दी अवैध कालोनी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1653837108SC_0442A.gif)
जमीन खाली कराने जिला प्रशासन को छूट रहा पसीना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 मई। कमल विहार से लगे फ्लोरल सिटी में सरकारी जमीन दबाने का मामला अब तूल पकडऩे लगा है। खासकर से आरडीए की भूमिका को लेकर सवाल उठने लगे हैं। बिल्डर ने आरडीए के खाते की लगभग 75 हजार वर्गफीट जमीन दबाकर वहां पर अवैध कालोनी बसा दी है। यह खुलासा सीमांकन रिपोर्ट सामने आने के बाद हुआ है। अब जिला प्रशासन की मदद से जमीन खाली कराने के प्रयास हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार पंद्रह साल पहले से सरकारी जमीन पर कब्जा जमाने का खेल हुआ है। दो दिन पहले तहसीलदार और आरडीए अफसरों के मौके पर पहुंचकर जमीन खाली कराने बुल्डोजर चलाने का प्रयास किया गया था लेकिन कॉलोनी में रहने वालों ने जमकर हंगामा किया। आखिर में कार्रवाई करने पहुंचे अफसरों को खाली हाथ लौटना पड़ा। फ्लोरल सिटी तकरीबन पंद्रह एकड़ में बसा हुआ है। यहां पर 170 से ज्यादा मकान बन चुके हैं। लोगों का कहना है कि उन्होंने बिल्डर से प्लाट खरीदकर मकान बनाया है। पूर्व में कभी भी कॉलोनी निर्माण में कोई विवाद हुआ। सालों बाद अचानक से आरडीए की तरफ से कार्रवाई करने पर वह हैरान हैं। आरडीए अफसरों का दावा है कि कमल विहार से लगी हुई जमीन पर अवैध रूप से कब्जा जमाकर यहां कॉलोनी निर्माण किया गया है। जिला प्रशासन की ओर से सीमांकन होने के बाद स्थिति अब साफ हो गई है। आने वाले दिनों में सरकारी जमीन पर किए गए निर्माण को तोडक़र जमीन वापस लिया जाएगा। स्थानीय लोगों के मुताबिक उन्होंने प्लाट खरीदने के बाद बैंक से लोन लेकर मकान बनवाए हैं। लोन लेने के पहले बकायदा डायवर्सन और फिर नक्शा जांच के लिए दस्तावेज जुटाए हैं। बिना नोटिस के उन पर कार्रवाई करने दबाव बनाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि जरूरत पड़ी तो सभी कोर्ट का दरवाजा खटखटराएंगे।
न्यू स्वागत विहार में हो चुका विवाद
सेजबहार स्थिति न्यू स्वागत विहार में सरकारी जमीन दबाने का बड़ा मामला सामने आ चुका है। डूंडा से लगे हिस्से से सरकारी जमीन पर कब्जा जमाकर वहां भी अवैध रूप से कॉलोनी का निर्माण किया गया। यह मामला सामने आने के बाद बिल्डर समेत कई लोगों पर एफआईआर भी दर्ज किया गया। बारिकी जांच के बाद कमल विहार में भी बेशकीमती जमीन दबाकर वहां अवैध कॉलोनियां बसाने का खुलासा हो सकता है। फ्लोरल सिटी का मामला सामने आने के बाद बाकी हिस्सों में भी किए गए निर्माण की जांच के लिए आरडीए ने तैयारी कर ली है।
बाउंड्रीवाल तोडक़र
लौट गई टीमें
दो दिन पहले फ्लोरल सिटी में कार्रवाई करने के लिए पहुंची आरडीए और जिला प्रशासन की टीम बाउंड्रीवाल तोडक़र लौटी। अवैध रूप से बनाए गए मकानों पर कार्रवाई के लिए बुल्डोजर तैनात किया लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध जताने के बाद टीम को बेरंग लौटना पड़ा। 170 से ज्यादा मकान बनने के बाद लोग निवासरत है। आरडीए की तरफ से लोगों को नोटिस नहीं दिया गया, इसके विरोध में कॉलोनी के लोगों ने खासा हंगामा किया।
75 हजार वर्गफीट आरडीए का
कॉलोनी को अवैध रूप से बसाया गया है। सीमांकन रिपोर्ट सामने आने के बाद खुलासा हुआ है कि बिल्डर ने 75 हजार वर्गफीट जमीन दबा दी है। अवैध निर्माण की जांच कर कार्रवाई होगी।
-अनिल गुप्ता,
प्रभारी मुख्य अभियंता