रायपुर
![6 जून को महासमुंद लोहिया चौक में जुटेंगे हजारों किसान 6 जून को महासमुंद लोहिया चौक में जुटेंगे हजारों किसान](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1653908300G_LOGO-001.jpg)
मुख्यमंत्री के नाम भेजेंगे 12 सूत्रीय मांगपत्र
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 मई। हाईवे में स्थित गांव खैरझिटी, कौंवाझर, मालीडीह के कृषि भूमि, वन भूमि, गरीबों का काबिल कास्त भूमि, आदिवासी भूमि में गैर कानूनी ढंग से करणी कृपा स्टील एवं पावर प्लांट लगाने के विरोध में विगत 25 फरवरी से किसान छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले अखण्ड धरना सत्याग्रह कर रहे है। आज सत्याग्रह के 93 वें लगभग 125 किसान, जवान एवं महिलाओं ने भाग लिया।
मोर्चा के प्रांतीय प्रवक्ता जागेश्वर प्रसाद,किसान नेता छन्नू साहू,डॉ.पंचराम सोनी,राजेश सिंह बिसेन, चैनुराम साहू, उदयराम चंद्राकर,तारेंद्र यादव,नंदलाल सिन्हा, डेविड चंद्राकर, तारेंद्र यादव ने किया। सत्याग्रह सभा को किसान मोर्चा के जागेश्वर प्रसाद, छन्नू साहू, डॉ.पंचराम सोनी,नंदलाल सिन्हा, चैनुराम साहू, उदयराम चंद्राकर, घनश्याम पटेल, रूपसिंग निषाद, गीता जलक्षत्री,ननकुनिया पारधी, डिगेश्वरी चंद्राकर, ललिता सिन्हा आदि ने संबोधित किया।
वक्ताओं ने कि गांधीवादी तरीके से सत्याग्रह के माध्यम से भ्र्ष्ट उद्योगपति के गैर कानूनी तरीके से शासन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों की दलाली गिरी को उजागर करना एवं कानूनी दृष्टि से जीतने भी नौकरशाह करणी कृपा प्लांट के नौकर की तरह तरफदारी करने वालों को न्यायालय के दरवाजे में खड़ा कर लड़ाई को बल प्रदान करना।किसान नेता छन्नू साहू ने अपने ओजस्वी कविता और नारों से सत्याग्रहियों में जोश और उत्साह भर दिया नंदलाल सिन्हा ने कहा कि आंदोलन को मजबूती प्रदान करने के लिए जो आज अलग-अलग क्षेत्र के लिए
प्रभारी का गठन किया गया है वे कल से अपना दौरा प्रारंभ करेंगे। किसान नेता चैनुराम साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की न तो स्पष्ट कोई कृषि नीति है और न ही उद्योग नीति। जिसके कारण आज किसान आंदोलनरत हैं। डिगेश्वरी चंद्राकर ने कहा कि भूपेश सरकार अपने आप को किसान हितैषी होने का डिंडोरा पीटते फिर रही है, वहीं दूसरी ओर किसानों को कृषि कार्य से वेदखल कर पैसा कमाने का काम कर रही है। ननकुनिया पारधी ने कहा कि राज्य के चारों तरफ किसान अपनी जमीन बचाने,पर्यावरण बचाने के लिए अधिकांश जिलों में आंदोलन कर रहे हैं।