रायपुर
![सरकार ने चुपचाप सरकारी जमीन नगरनार संयंत्र को बेची-अमित सरकार ने चुपचाप सरकारी जमीन नगरनार संयंत्र को बेची-अमित](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1654103225SC_0687a.gif)
विनिवेशीकरण की तैयारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 जून। जनता कांग्रेस के अध्यक्ष अमित जोगी ने बुधवार को आरोप लगाया कि जिला उद्योग केंद्र की जमीन नगरनार इस्पात संयंत्र को बेच दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि गुपचुप तरीके से एनएमडीसी को जमीन बेची है।
अमित जोगी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि नगरनार स्टील प्लांट 152.6 हेक्टेयर जमीन पर बना है और यह जमीन महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, जगदलपुर के नाम थी। सीएसआईडीसी ने गुपचुप तरीके से यह जमीन एनएमडीसी को बेच दी है। 27 दिसंबर 2021 को एनएमडीसी ने 28 करोड़ 41 लाख 10 हजार 463 रुपये का भुगतान सीएसआईडीसी को कर दिया।
अमित ने सवाल उठाया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा और छत्तीसगढ़ के लोगों को जानकारी दिए बिना छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी सरकारी जमीन एनएमडीसी को क्यों बेच दी? उन्होंने आगे कहा कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि अब एनएमडीसी नगरनार स्टील प्लांट को एक नई कंपनी को हस्तांतरित कर सकता है और इसके बाद इस स्टील प्लांट का विनिवेशीकरण किया जा सकता है।
अमित जोगी ने कहा कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार निरंतर नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण के लिए प्रयासरत है। लेकिन केंद्र सरकार के समक्ष एक सबसे बड़ा रोड़ा था, नगरनार इस्पात संयंत्र की जमीन राज्य सरकार के नाम होना। यानि तकनीकी रूप से केंद्र सरकार अगर नगरनार इस्पात संयंत्र का निजीकरण करना भी चाहे तो नहीं कर सकती थी क्योंकि जिस जमीन पर नगरनार इस्पात संयंत्र लगा है वो राज्य सरकार की जमीन है और बिना राज्य सरकार द्वारा एनएमडीसी को जमीन बेचे, केंद्र सरकार नगरनार इस्पात संयंत्र का निजीकरण नहीं कर सकती।
अमित जोगी ने कहा कि नगरनार इस्पात संयंत्र की जमीन को भूपेश सरकार ने चोरी छिपे एनएमडीसी को बेचकर न सिर्फ केंद्र सरकार के लिए नगरनार इस्पात संयंत्र के निजिकरण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है बल्कि बस्तर की माटी और बस्तरवासियों के विश्वास का सौदा कर दिया है। उन्होंने कहा कि वो नगरनार जाएंगे, और बस्तरवासियों को उनके साथ हुए धोखे से अवगत कराएंगे।