रायपुर

कोरोना से हो रही थी मौतें, तब कोविड सेंटर में मुंबई-चेन्नई के डॉक्टर कर रहे थे इलाज !!!
02-Jun-2022 7:39 PM
 कोरोना से हो रही थी मौतें, तब कोविड सेंटर में मुंबई-चेन्नई के डॉक्टर कर रहे थे इलाज !!!

स्वास्थ्य कर्मियोंं ने लगाया फर्जीवाड़े का आरोप, मीरा बघेल के निलंबन की मांग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 2 जून। प्रदेश में कोरोना की जानलेवा दूसरी लहर में मरीजों के इलाज के नाम पर स्वास्थ्य कर्मचारियों ने फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। यह बताया गया कि कोरोना की पीक अवधि में देश के नामी-गिरामी चिकित्सकों की सेवाएं कोविड सेंटर में लेने के नाम पर एक निजी संस्था को 28 लाख का भुगतान किया गया। यह भुगतान सिर्फ रायपुर जिले में हुआ है। स्वास्थ्य कर्मचारियों की आशंका है कि बाकी जिलों में भी इसी तरह का फर्जीवाड़ा हुआ है।

कोरोना की दूसरी लहर में जब इलाज के लिए डॉक्टर उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे। कोविड सेंटर मरीजों से अटा पड़ा था। रोजाना सैकड़ों मौतें हो रही थी। ऐसे समय में स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि मुंबई, चेन्नई के नामी-गिरामी चिकित्सकों ने निमोरा स्थित पंचायत विभाग के संस्थान में रूककर माना कोविड सेंटर में मरीजों का उपचार किया। माना कोविड सेंटर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं डॉक्टर फॉर यू नामक संस्था के माध्यम से ली गई।

बताया गया कि सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल ने बकायदा संस्था को 28 लाख का भुगतान किया। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने बकायदा आरटीआई से जानकारी निकालकर कथित फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। स्वास्थ्य कर्मचारी नेताओं ने यह भी बताया कि माना कोविड सेंटर का नियंत्रण डीएमई के अधीन था, और विशेषज्ञ डॉ. राबिया खान इसकी प्रभारी थीं। खास बात यह है कि बिल के भुगतान के पहले भौतिक सत्यापन नहीं हुआ, और डायरेक्टोरेट में पदस्थ एक संविदा अफसर से सत्यापन कराकर इसका भुगतान किया गया। इस पूरे मामले में डीएमई डॉ. विष्णुदत्त से संपर्क की कोशिश की गई, किन्तु उनसे बात नहीं हो पाई।

स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ओपी शर्मा का कहना है कि यूनिसेफ सहायतार्थ राशि से सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल ने करीब 28 लाख रुपये निजी संस्था डॉक्टर फॉर यू को दिया गया है। जबकि माना चिकित्सालय के कोविड सेंटर में कोरोना के पीक अवर में बाकी जिलों की तरह स्टाफ की भारी कमी थी, और लोगों की मौत भी हुई। ऐसे में जब देशभर में डॉक्टरों की कमी हो गई थी। वहां पर बाहर से चिकित्सक बुलाकर दो महीने तक यहां सेवाएं लेने की बात कहना गड़बड़ी का सबसे बड़ा प्रमाण है। यह दावा किया गया कि अप्रैल 2021 से जून 2021 तक न सिर्फ डॉक्टर बल्कि काउंसलर, स्टाफ, नर्स और अन्य स्टाफ भी कोविड सेंटर को उपलब्ध कराया गया है।

स्वास्थ्य कर्मचारियों की आशंका है कि प्रदेश के अन्य जिलों में भी कोविड के नाम पर इसी तरह का भुगतान किया गया है। स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने इस सिलसिले में जानकारी मांगी है। दूसरी तरफ, सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल ने एक विज्ञप्ति जारी कर में दावा किया कि डॉक्टर फॉर यू संस्था ने कोविड केयर सेंटर अस्पताल में अपनी सेवाएं दी है। सारे दस्तावेज का परीक्षण कर भुगतान किया गया है। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की जानकारी को तर्कहीन, और अधूरा करार दे रहे हैं। इससे परे स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, और प्रमुख सचिव से मिलकर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही ईओडब्ल्यू को भी दस्तावेज उपलब्ध कराकर कार्रवाई का आग्रह किया गया है। कर्मचारी संघ ने मीरा बघेल के तुरंत निलंबन की मांग की है।

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