रायपुर
![कोटवार संघ का सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप कोटवार संघ का सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1654182162SC_0085a.gif)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 जून। कोटवारों के प्रति शासन के उपेक्षापूर्ण रवैये से कोटवार नाराज हैं। सरकार की वादा खिलाफी के विरूद्ध कोटवार संघ के अध्यक्ष प्रेम किशोर बाघ ने गुरूवार को पत्रकारवार्ता में कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूर्व होने के बाद भी कोटवार आज भी गुलामी की जिन्दगी जी रहे है । परन्तु कोटवारों की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई हैं । प्रशासन से लेकर ग्रामीण स्तर पर शासन के सभी विभागों की चाकरी करने के बाद भी आज पर्यन्त कोटवारों को शासकीय कर्मचारी का दर्जा नहीं मिला हैं। प्रदेश के कोटवारान लगातार विभिन्न माध्यमों से अपनी समस्याओं के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित करते आ रहे हैं। परन्तु सरकार किसी की भी हो कोटवारों के प्रति उनका रवैय्या सदैव उपेक्षापूर्ण रहा है जिसके कारण प्रदेश के 16000 कोटवार एवं उनका परिवार निराश व हतोत्साह है । शिक्षाकर्मी दैनिक वेतन भोगी , संविदा , आंगनबाड़ी , रोजगार सहायक , सफाई कर्मचारी , रसोईया इत्यादी को धीरे - धीरे नियमित किया जा रहा है। उनके मानदेय में वृद्धि कर कई सुविधाएं दी जा रही है । कोटवारों के प्रति किसी भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया जिसके कारण कोटवारों की दशा आज भी दयनीय बनी हुई है । कोटवारों को नियमित करते हुवे उन्हें शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिये जाने की 40 वर्ष पुरानी मांग आज भी वहीं की वहीं अटकी हैं। कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र में कोटवारों को नियमित कर्मचारी का दर्जा देते हुवे उन्हें सम्मान जनक वेतन दिये जाने का उल्लेख किया है। आज तीन वर्ष बित जाने के बाद भी उस पर कोई पहल किया गया।
कोटवारों ने मुख्य मंत्री भूपेश बघेल के विधान सभा क्षेत्र पाटन में उन्हीं के मुख्य आतिथ्य में एक प्रांत स्तरीय सम्मेलन का आयोजन कर वितृत्त रूप से अपनी व्यथा सुनाई थी , सीएम ने अपने उद्बोधन में आस्वश्त करते हुवे , यह घोषण की थी कि 2003 में कांग्रेस की सरकार ने 1950 के पूर्व की मालगुजारी जमीन को कोटवारों को भूमिस्वामी हक में दी थी यदि किसी कारण से यदि उससे वंचित किया जा रहा है तो विसंगतियों को दूर करते हुवे परिक्षण उपरान्त कोटवारों को उनका हक वापस देने की घोषणा की थी । कोटवार कभी रिटायर नहीं होंगे और उनको नियमित कर्मचारी का दर्जा दिए जाने की पहल की जावेगी तथा एक सम्मान जनक मानदेय दिया जावेगा ।