रायपुर
![आयकर अपील की सुनवाई अब रायपुर में ही, 853 मामले लंबित आयकर अपील की सुनवाई अब रायपुर में ही, 853 मामले लंबित](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1654349292oni.gif)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 जून। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को रायपुर के इनकम टैक्स अपीलीय प्राधिकरण ऑफिस का उद्घाटन किया। उन्होंने प्रेसवार्ता में कहा कि यह कार्यालय खुलने से आम लोगों को कार्य में अत्यधिक मदद मिलेगी। लोगों को अब ना पुणे, ना दिल्ली और ना ही और कहीं जाने की जरूरत होगी। छत्तीसगढ़ का सारा टैक्स का कार्य अब यहीं से होगा। टेक्नोलॉजी के माध्यम और केंद्र सरकार की मदद से हमने कानून व्यवस्था के लिए कई कदम उठाए हैं। हम चाहते है कि केंद्र सरकार की ओर से 9 हजार करोड़ के अंतर्गत जो लोअर जुडिशरी की व्यवस्था का जो काम चल रहा है, उसमें राज्य भी पूरी मदद करें। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोअर जुडिशरी के लिए जो भी अच्छा इंफास्ट्रक्चर बनेगा। राज्य सरकार उसके लिए राशि का सही इस्तेमाल करें। ताकि लोगों को न्याय मिल सके और यही हमारी प्राथमिकता है, जिससे आम भारतीय को उनका हक मिल सके। आज के आईटीएटी का कार्यक्रम हुआ, जिसके लिए हमारी पूरी टीम एकजुट।
नया कार्यालय केन्द्रीय सचिवालय भवन, अटल नगर, नया रायपुर में संचालित होगा। वर्तमान में रायपुर खंडपीठ में 853 अपीलें लंबित हैं जिन्हें पीठ के द्वारा निपटाया जायेगा। प्रारंभ में, रायपुर पीठ एक किराये के परिसर में चल रहा था और हाल ही में पांचवी मंजिल, केन्द्रीय सचिवालय, अटल नगर, नया रायपुर में नए परिसर में स्थानांतरित कर दिया गया। रायपुर में आयटीएटी के नए कार्यालय परिसर में सभी आवश्यक सुविधाएं हैं, जैसे- विशाल कोर्ट रुम जिसमें 40 व्यक्ति बैठ सकते हैं, अति आधुनिक रिकार्ड रुम, सदस्यों के लिए अलग पुस्तकालय कक्ष के साथ सुसज्जित कक्ष, बार-कक्ष के लिए पर्याप्त स्थान, अच्छी तरह से सुसज्जित सम्मेलन कक्ष, निर्बाध बिजली बैक-अप आदि सुविधाएं उपलब्ध है। आयटीएटी पुणे जोन के नॉन फंगशनिंग पीठों के लंबित अपीलों की सुनवाई और निपटारे में रायपुर पीठ के नए परिसर में मजबूत कनेक्टिवीटी सुविधा के साथ ई-कोर्ट की स्थापना भी की है।
अंग्रेजी जानने वालों को ज्यादा केस मिलता है तो गलत
केंद्रीय कानून मंत्री किरेण रिजेजू ने अपने संबोधन में कहा कि अंग्रेजी ठीक से जानने वाले वकीलों को ही केस ज्यादा मिलता है, ये तो गलत बात है. सभी भाषाओं में काम होने चाहिए. लोगों को न्याय मिले यही हमारी प्राथमिकता है. आम आदमी और न्याय के बीच में कोई दूरी नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि जब मैं कानून मंत्री बना तब 4 करोड़ 25 लाख के आसपास के केस पेंडिंग थे अब सात 4 करोड़ से ज्यादा पेंडिंग केसेस हो गए। जितने मामले निपटाए जा रहे हैं, उससे दोगुने नए केस आ रहे हैं जो बहुत चिंताजनक है।काम हो रहे हैं इसलिए केसेस भी बढ़ रहे हैं।वकीलों और जजों के ऊपर भी काम न लटके इसलिए प्रेशर होना चाहिए, महीनों-महीनों तक काम नहीं लटकना चाहिए।
समय पर न्याय जरूरी है, देरी से न्याय का क्या फायदा।आम आदमी और न्याय में दूरी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुकमा, जगदलपुर, नारायणपुर के केस हाईकोर्ट बिलासपुर में बुलाये जाए ऐसा नहीं होना चाहिए, लोगों के पास जाकर न्याय मिले ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए। हम नई व्यवस्था पर काम कर रहे हैं ई-कोर्ट को लेकर, सुप्रीम कोर्ट से दूर कहीं बैठकर भी केस से संबंधित जुड़ सके ऐसी व्यवस्था कर रहे। कोई मंत्री ने कहा कि अंग्रेजी नहीं जानता तो काम रुक जाएगा क्या? इस देश में कोई सोचे अंग्रेजी बोल रहा तो बहुत स्मार्ट है तो ये तो बहुत गलत बात है, अंग्रेजी ठीक से जानने वाले वकीलों को ही केस ज्यादा मिलता है, ये तो गलत बात है. सभी भाषाओं में काम होने चाहिए। छत्तीसगढ़ी में भी बात हो सकती है. कई कानून बिना मतलब के हैं। कम से कम कानून होने चाहिए। लोगों को अपने तरीके से जीने देना चाहिए. हमारा काम गाइड करने और सपोर्ट करने का होना चाहिए।