रायपुर
![पुरोहित परिवार बहिष्कृत, राजस्थान के सीएम को अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की चिट्ठी पुरोहित परिवार बहिष्कृत, राजस्थान के सीएम को अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की चिट्ठी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1654521803enesh-misra.gif)
रायपुर, 6 जून। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्र ने बताया राजस्थान से सामाजिक बहिष्कार का एक मामला आया है जिसमें एक परिवार को अपनी नाबालिग बेटी की शादी के कारण समाज से न केवल बहिष्कृत कर दिया गया .बल्कि उस परिवार से 55लाख रुपये की मांग की गई है जिससे उक्त परिवार के सदस्य परेशान हो गए हैं ,किसी भी व्यक्ति का सामाजिक बहिष्कार अनुचित और अमानवीय है,राजस्थान के मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर इस मामले में कार्यवाही की मांग की है,तथा राजस्थान सरकार से सामाजिक बहिष्कार के सम्बंध में सक्षम कानून बनाने के माँग की गई है।
डॉ .दिनेश मिश्र ने बताया ,सामाजिक बहिष्कार कर हुक्का पानी बन्द करने का एक और बड़ा मामला सामने आया है जिसमें ग्राम सुथाना, सांचोर जिला जालोर राजस्थान के वसन्त पुरोहित एवं उसके परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया.
जानकारी मिली है कि, उक्त परिवार अपनी15 वर्षीया पुत्री उर्मिला को पढ़ाना चाहता है तथा उक्त युवती भी शिक्षा ग्रहण करना चाहती है पर जाति पंचायत के कुछ सदस्य समाज की परंपरा का हवाला देते हुए उसकी कम उम्र में ही शादी करने का फरमान सुनाया और उर्मिला की शादी न करने पर उस परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया और 55 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, तथा उन का हुक्का पानी बंद कर अनेक पाबंदियां लगा दी गयी हैं.जिससे उनसे कोई बात भी नही करता व उन्हें सामाजिक कार्यकलापों से भी वंचित कर दिया गया है।
बहिष्कृत परिवार के सदस्यों ने बताया कि उनसे दबाव बना कर 55 लाख रुपये माँगे जा रहे हैं उन्होंने पुलिस में शिकायत भी की है पर कार्यवाही न होने से सामाजिक पंचों के हौसले बुलंद हैं, उक्त परिवार कमजोर आर्थिक परिस्थिति के हैं और बार बार इस प्रकार की प्रताडऩा होने से गांव में अपमानित और असुरक्षित महसूस कर रहा है।
देश का संविधान हर व्यक्ति को समानता का अधिकार देता है.
सामाजिक बहिष्कार करना, हुक्का पानी बन्द करना एक सामाजिक अपराध है तथा यह किसी भी व्यक्ति के संवैधानिक एवम मानवाधिकारों का हनन है ,प्रशासन को इस मामले पर कार्यवाही कर पीडि़तों को न्याय दिलाने की आवश्यकता है साथ ही सरकार को सामाजिक बहिष्कार के सम्बंध में एक सक्षम कानून बनाना चाहिए.ताकि किसी भी निर्दोष को ऐसी प्रताडऩा से गुजरना न पड़े.
किसी भी व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक रूप से प्रताडऩा देना,उस का समाज से बहिष्कार करना अनैतिक एवम गम्भीर अपराध है.डॉ. मिश्र ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर इस मामले में त्वरित कार्यवाही करनेकी माँग की हैं ,वही शासन से अपेक्षा है सामाजिक बहिष्कार के खिलाफ सक्षम कानून बनाने की पहल करें ताकि हजारों बहिष्कृत परिवारों को न केवल न्याय मिल सके बल्कि वे समाज में सम्मानजनक ढंग से रह सकें.
डॉ .दिनेश मिश्र,