रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 जून। शहर की शराब दुकानों में ओवर रेट का कारोबार एक बार फिर से शुरू होने के बाद विभाग ने अफसरों को आड़े हाथ लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है। दो और जिलों में वृत्त अफसरों को निलंबित कर दिया गया है। अफसरों पर लगातार हो रही कार्रवाई की दूसरी तरफ प्लेसमेंट एजेंसी की भूमिका को नजरंदाज करने का मामला भी तूल पकड़ता दिख रहा है। दरअसल दुकानों में प्लेसमेंट कर्मियों के द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। सर्किेल अफसरों ने ही अकेले रायपुर जिले में 42 केस दर्ज किया है। नियमानुसार प्लेसमेंट कंपनी पर ही जुर्माना कार्रवाई होना था लेकिन कार्रवाई अफसरों के माथे ही फोड़ा गया। प्लेसमेंट कंपनी ए टू जेड पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। जिस तरह से केस की संख्या उस हिसाब से 42 लाख रुपये जुर्माना कार्रवाई होनी चाहिए। आबकारी और प्लेसमेंट कंपनी के बीच जो अनुबंध हुआ है उसमें एक नियम है कि अगर कहीं भी किसी दुकान में गड़बड़ी पाई गई तो एक लाख रुपये जुर्माना देना होगा। विभाग की तरफ से पकड़े गए केस में कार्रवाई तो दूर प्लेसमेंट कंपनी की भूमिका की जांच तक शुरू नहीं हो पाई है।
दो दिन पहले निकाले गए नए आदेश के अनुसार रायपुर से सुप्रिया तिवारी और दुर्ग संभाग से उप निरीक्षक विकास साहू को निलंबित कर दिया गया है। शिकायत है कि इनके वृत्त क्षेत्र में कर्मचारी सरेआम ओवर रेट कारोबार करने में लगे हुए थे। वरिष्ठ अफसरों की जांच के बाद यह गड़बड़ी बाहर आई तब दोनों अफसरों को निलंबित करने निर्णय लिया गया। इसके पहले भी विभाग ने चार से पांच अफसरों को निगरानी में लेकर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की। प्लेसमेंटकर्मियों की जिस तरह से भूमिका रही है और कंपनी पर विभाग की नरमी है, उस हिसाब से गड़बडिय़ां और बढ़ रही है। नियमानुसार शराब बिक्री के लिए जिम्मेदार प्लेसमेंट कंपनी पर भी जुर्माना कार्रवाई होना चाहिए। हाल ही में आरंग शराब दुकान में बड़ी चोरी की घटना के बाद प्लेसमेंट ने नुकसान की भरपाई कर दी। आबकारी विभाग ने बिना किसी जांच के ही केस बंद कर दिया।
हिसाब में 42 लाख तक का जुर्माना
ओवर रेट और फिर दूसरे अनियमितताओं को पकड़ा है, रायपुर जिले में ही केस की संख्या 42 के पार है। जो प्रावधान लागू है इस हिसाब से प्लेसमेंट कंपनी एटूजेड पर जुर्माना कार्रवाई हुई तो प्रत्येक केस में एक लाख रुपये वसूल करने का नियम है। इस हिसाब से केस की संख्या के मुताबिक छह से आठ महीनों के अंदर कंपनी से 42 लाख रुपये जुर्माना वसूल होना तय है।
लगातार नियमों की अनदेखी
शराब दुकानों में ड्रेस जरूरी है लेकिन नियम का पालन कहीं नहीं है। वालेंटियर रखने और सुरक्षाकर्मी की तैनाती जरूरी है लेकिन कहीं किसी जगह ही गार्ड नजर आते हैं। ऑडिट रिपोर्ट नहीं होने से चोरी जैसी वारदातें आम है। ब्लेक लिस्टेड कर्मियों की छंटनी करने के बजाए उन्हें कई बड़े दुकानों की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
अफसर खामोश
सर्किल अफसर प्लेसमेंट कंपनी एटूजेड पर कार्रवाई के लिए कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन ऊपरी लेवल पर वरिष्ठ अफसरों ने चुप्पी साधा है। इसा मामले को लेकर सचिव सह आबकारी आयुक्त निरंजन दास से बातचीत के लिए संपर्क किया गया लेकिन बातचीत नहीं हो पाई।