रायपुर
शांतिनगर से शैलेन्द्र नगर तक सक्रिय है रैकेट,वार्षिक से पूरक तक होता है काम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8जून। शैलेन्द्र नगर स्थित गुरूदेव रविंद्रनाथ ठाकुर की प्रतिमा स्थल के पास ओपन स्कूल की परीक्षाओं में पास फेल का बड़ा खेल संचालित होता है। यह खेल बार्षिक से लेकर सप्लीमेंट्री तक चलता है। हाल में घोषित नतीजों में असफल कुछ छात्रों ने इस खेल का खुलासा किया है।
असफल छात्रों ने बताया कि उन्होंने पास होने के लिए पैसे नही दिए तो हाथ में अनुतीर्ण की मार्कशीट आई। वैसे भी ओपन स्कूल की पढ़ाई और परीक्षाओं के संचालन की कोई माकूल गोपनीय व्यवस्था नही रह गयी है। यह एक तरह से सफेद हाथी जैसी व्यवस्था है। इस खेल को संचालित करने वाले लोग परीक्षा फार्म भरने या परीक्षा शुरू होने के साथ सक्रिय होते हैं। वो ओपन स्कूल के परीक्षा केंद्रों में जाकर परीक्षार्थियों से संपर्क करते हैं।
एक विषय से लेकर सभी पर्चो में पास करने की दरें अलग-अलग हैं। परीक्षार्थियों को शैलेन्द्र नगर के टैगोर नगर प्रतिमा स्थल के पास बुलाकर पास-फेल का कांटेक्ट लेते है। परीक्षार्थी तैयार तो पास,नही तो फेल इनकी मुल्यांकनकर्ता शिक्षकों से लेकर ओपन स्कूल परीक्षा मंडल के भीतर तक पैठ हैं। ली गई राशि का एक बड़ा हिस्सा सभी को पहुंचाते हैं। एक असफल छात्रा के अभिभावकों ने छत्तीसगढ़ को बताया कि उनसे पहले शांतिनगर स्कूल में संपर्क किया । वंहा से टैगोर नगर बुलाया गया। जब छात्रा पैसे देने से मना किया तो अनुतीर्ण का परिणाम आया। उससे पैसे की मांग और पास कर देने का भरोसा परीक्षा पर्यवेक्षक ने ही दिया था। छात्रा के अनुसार स्कूल के शिक्षक भी इसमें शामिल हैं। छात्रा से 5हजार रूपए मांगे गए थे। जब छात्रा ने पैसे देने से मना किया तो नतीजा अनुतीर्ण का हाथ लगा।
इस छात्रा को पढ़ाने एक कालेज के प्रोफेसर हैं। उनका कहना हैं कि छात्रा पढ़ाई में बेहतर थी और पर्चे भी अच्छे बनाए थे वो फेल नही हो सकती थी। लेकिन छात्रा ने इस खेल की जानकारी देकर फेल होन का यही कारण बताया हैं। इस संबध में बोर्ड के सचिव वी.के गोयल ने कहा कि पूरी गोपनीयता के साथ परीक्षाएं ली जाती है। उत्तर पुस्तिका पर स्टिकर चिपकाया जाता है। ताकि किसी भी मूल्यांकनकर्ता को रोल नंबर का पता न हो । फिर भी छात्रा की शिकायत है तो लिखित में करें उसकी जांच करवाई जाएगी।