रायपुर

स्टाक टेकिंग के वक्त आबकारी का सर्वर डाउन, शराब दुकानों में समय से पहले ही शटर डाउन, शौकीनों का हंगामा
09-Jun-2022 6:59 PM
स्टाक टेकिंग के वक्त आबकारी का सर्वर डाउन, शराब दुकानों में समय से पहले ही शटर डाउन, शौकीनों का हंगामा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 9 जून। शहर की शराब दुकानों में स्टॉक टेकिंग का काम शुरू होने के बाद आबकारी के सर्वर ने दम तोडऩा शुरू कर दिया है। आलम अब यह है कि शराब बोतलों की स्केनिंग में लेटलतीफी होने के चलते समय पहले शटर गिराने की नौबत है। बड़ी दुकानों में व्यवस्था बदहाल होने के कारण कर्मचारी समय पहले दुकानों में तालाबंदी कर रहे हैं। पिक आवर के वक्त शराब खरीदी के लिए भीड़ जुट रही है लेकिन शराब नहीं मिलने की वजह से वहां हंगामा खड़े हो रहा है। बुधवार की रात मोटर स्टैंड और भनपुरी की शराब दुकानों में भी शौकीनों ने हंगामा किया। कर्मचारियों ने दुकान बंद होने के समय के पहले ही शटर गिरा दिया, जिसके बाद शराब खरीदी के लिए लाइन में खड़े लोग हंगामा करने लगे। दुकान बंद करने का समय रात दस बजे है लेकिन कर्मचारी एक से डेढ़ घंटे पहले शॉप पर ताला जड़ रहे। आबकारी से जुड़े एक अफसर का कहना है स्टॉक टेकिंग का काम हर महीने चलता है लेकिन इस महीने शराब की स्केनिंग शुरू होने के बाद डाटा बेस ठीक तरह से काम नहीं कर रहा है। स्केनिंग होने के बावजूद सर्वर में डाटा अपलोड होने परेशान बढ़ रही है।

सर्वर के डाउन होने की वजह से दोबारा स्टॉक स्केन करना पड़ रहा है। जब तक शराब की स्केनिंग नहीं होती तब तक कर्मचारी बिक्री नहीं कर सकते हैं, ऐसे में व्यवस्था काफी प्रभावित हो रही है। सर्वर डाउन होने का असर शराब से प्राप्त होने वाले राजस्व पर भी पड़ रहा है।

पिकआवर में बिक्री नहीं, आबकारी को नुकसान

जिले में आबकारी विभाग को शराब दुकानों से पिक ऑवर में सबसे ज्यादा राजस्व मिलता है। शाम छह बजे के बाद रात दस बजे तक सबसे ज्यादा भीड़ जुटती है। फाफाडीह, कटोरा तालाब, तेलीबांधा, भनपुरी, मोटर स्टैंड, सड्ढू जैसी बड़ी दुकानों में सबसे ज्यादा बिक्री राशि आबकारी के खाते में जमा होती है। अगर इसी टाइन सर्वर डाउन होने से स्केनिंग का काम रूके तो आबकारी के लिए यह बहुत बड़ा नुकसान है। अफसरों का कहना है बिना स्केनिंग के शराब बिक्री नहीं कर सकते।

बार-बार स्केनिंग से दुकानों में हालत खराब

कई दुकानें ऐसी है जहां पर शराब की दोबारा स्केनिंग करने की वजह से कर्मचारियों को भी हलाकान होना पड़ रहा है। आबकारी ने जो साफ्टवेयर बनाया है उसमें पूरे प्रदेशभर की दुकानों से शराब का स्टाक टेकिंग किया जाता है। एक समय में दुकानों से लोड बढऩे की वजह से सर्वर में लोड बढ़ता है। सर्वर के डाउन होने की वजह से स्केन किया डाटा डिलीट हो जाता है, ऐसे में दोबारा से स्टॉक की स्केनिंग करने की मजबूरी है। कई दुकानों में कर्मचारी भी स्टॉक टेकिंग करते हलाकान हैं।

समय लगता है

स्टॉक टेकिंग के वक्त थोड़ बहुत समय लगता है। सर्वर की कोई परेशानी नहीं है। दुकानों ज्यादा स्टॉक आने से कभी कभार देरी होती है।

- अनिमेष नेताम,

जिला आबकारी

उपायुक्त

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