रायपुर

आरंग के बाद मंदिर हसौद क्षेत्र में भी अवैध प्लाटिंग, सरकारी जमीन भी खतरे में
09-Jun-2022 7:12 PM
 आरंग के बाद मंदिर हसौद क्षेत्र में भी अवैध प्लाटिंग, सरकारी जमीन भी खतरे में

नगर पंचायत  कुरूद में अवैध तरीके से कारोबार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 9 जून। जिले के आरंग में अवैध प्लाटिंग का मामला शांत नहीं  हुआ है कि अब मंदिर हसौद नगर पंचायत कुरूद में अवैध प्लाटिंग के मामले ने तूल पकड़ा है। बड़े रकबे में अवैध प्लाटिंग को लेकर स्थानीय लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है। मालूम हुआ है अवैध  प्लाटिंग  कारोबार में ग्राहकों के साथ  बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा करते हुए रकम वसूल किया जा रहा है। तय ज़मीन से अधिक ज़मीन की बिक्री रोड रास्ता में छोड़ी गयी ज़मीन को सरकारी ज़मीन को बेचने एवं उनके स्थान पर प्लाट एरजेस्ट करने सिस्टम बना लिया गया है। इस तरह के अवैध कारोबार को लेकर प्रशासन भी आंख मूंदे हुए है। सार्वजनिक उपयोग के लिए रिक्त भूमि ज़रूरी सुविधा ना देते हुए  गैरकानूनी तरीके से अवैध प्लाटिंग का खेल चल रहा है। जिस पर कोई भी ठोस कार्यवाही ज़िम्मेदारों के ऊपर नही किया जा रहा है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही नगर पंचायत आरंग में भु माफिया की गुंडागर्दी करने का मामला सामने आया था। कार्रवाई करने पहुंचे अधिकारी और कर्मचारियों के साथ में बदसूलकी कर भूमाफियाओं ने झूमा झटकी और गाली गलौज की थी। मामले में शिकायत होने पर पुलिस ने दो लोगों की गिरफ्तारी भी की। जबकि इस केस में लगभग 19 लोगों के खिलाफ में एफआईआर दर्ज किया गया। कुछ दिनों बाद नगर पंचायत कुरूद का मामला बाहर आया है।

नगर पंचायत मंदिर हसौद कुरुद  में विभागीय अफसरों की सांठगांठ से भी सरकारी जमीन के वारे न्यारे करने की खबरें चर्चा में है। अवैध रूप से प्लाटिंग कारोबार में भूमि को समतल कर  रोड रास्ता बनाकर अवैध प्लाटिंग  किया जा रहा है। जिम्मेदार अफसरों के मौके से नदारद रहने की वजह से उनकी भूमिका भी संदेह के दायरे में है। भूमफिया लगातार एक जगह से लेकर दूसरे जगह तक बेरोकटोक अवैध प्लाटिंग करने में लगे हुए हैं।

रेरा और नगर निवेश विभाग कहीं नहीं: जानकारी के मुताबिक मंदिर हसौद के ग्राम कुरूद में जिस खसरे की जमीन पर अवैध प्लाटिंग चल रही है वहां नगर निवेश विभाग और रेरा कहीं नहीं है। बिना ले आउट नक्शा पास कराए और बिना किसी अनुमति के ही अवैध प्लाटिंग का खेल किया गया है। अभी तक निवेशकों को गुमराह कर लाखों रुपये की वसूली तक हो चुकी है। सबसे ज्यादा कृषि भूमि पर अवैध तरीके से प्लाटिंग की गई है। जिला प्रशासन ने अवैध प्लाटिंग पर प्रतिबंध लगा रखा है, किंतु नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।

प्राइवेट प्लाट के बहाने सरकारी जमीन

जिन जगहों पर अवैध प्लाटिंग शुरू हुई है वहां आसपास में सरकारी जमीन भी मौजूद है। बड़े रकबे में सरकारी जमीन दबाकर भी षडय़ंत्र किया जा रहा है। करीबी सूत्र का कहना है कृषि भूमि को आवासीय मद में डायर्वसन बताकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। रेरा और फिर नगर निवेश से बिना ले आउट एप्रुव किए ही जमीन बेच दी गई है। जिसकी जानकारी ग्राहकों को नभी नहीं है।

मिलीभगत से कारोबार

सरकारी तंत्र की मिलीभगत से अवैध प्लाटिंग का कारोबार क्षेत्र में जोरों पर है। आरंग में माफियाराज सामने आने के बाद भी प्रशासनिक तंत्र की चुप्पी अपने आप में बड़ा सवाल खड़े करती है।

- परमानंद जांगड़े,

पूर्व जिला पंचायत सदस्य

शिकायत पर कार्रवाई

फिलहाल अवैध प्लाटिंग की जानकारी मुझे नहीं है। हां अगर शिकायत आई तो मामले में कार्रवाई जरूर करेंगे।

- अतुल विश्वकर्मा

एसडीएम

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