रायपुर

प्रदेश के कोल वाशरी, डिपो और साइडिंग संचालकों ने की 914 करोड़ टैक्स चोरी
17-Jul-2022 5:36 PM
प्रदेश के कोल वाशरी, डिपो और साइडिंग संचालकों ने की 914 करोड़ टैक्स चोरी

30 जून को मारे गए थे छापे, दस्तावेजों की जांच के बाद प्रारंभिक कर आंकलन,राशि बढ़ सकती है

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

 रायपुर, 17 जुलाई। 30 जून को खनिज साधन विभाग की कुल 10 टीम जिसमें खनिज साधन के कुल 42 अधिकारियों का दल बना कर प्रदेश में संचालित कोल वाशरियो, डिपो तथा कोयला आधारित समस्त गतिविधियों के जांच करने  राज्य स्तरीय फ्लाइंग स्क्वाड का गठन किया गया ।

जांच दलों ने  15 दिनों तक उनको आवंटित जिले के कोल वाशरियों तथा कोल् डिपो की विस्तृत जांच की । खनिज साधन विभाग , राजस्व विभाग , पुलिस विभाग , जी एस टी एवं पर्यावरण विभाग के टीमों द्वारा समन्वय बना कर समस्त प्रतिष्ठानों में छापेमारी की कार्यवाही की गई। जांच के दौरान व्यापक गड़बडय़िां तथा कर अपवंचन के प्रमाण मिले हैं । अनाधिकारिक सूत्रों के अनुसार सभी विभाग अपनी जांच तथा प्राम्भिक रिपोर्ट कर चुके हैं । शीघ्र ही उन प्रतिष्ठानों के खिलाफ विभाग कठोर कार्यवाही की तैयारी कर कर रही है ।इस विषय में विभाग के अधिकारियों से जानकारी एकत्र करने का प्रयास किया गया परन्तु किसी भी अधिकारी ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया । अधिकारियों ने कहा कि जो भी कार्यवाही होगी वो विधि अनुसार होगी। सुनवाई के अवसर प्रदान करने के पश्चात ही होगी । अनाधिकारिक सूत्रों अनुसार कोल वाशरियों तथा कोल डिपो से जिले अनुसार कर अपवंचन की प्राम्भिक गणना की गई है जिसके अनुसार बिलासपुर जिले से लगभग 300 करोड़ रुपये , कोरबा जिले से लगभग 325 करोड़ रूपये , रायगढ़ जिले से 54 करोड़ रुपये , जांजगीर चाम्पा से लगभग 35 करोड़ रुपये की जानकारी मिली है ।

कोल डिपो तथा कोल साइडिंग से भी व्यापक गड़बडय़िां मिलने के साथ साथ 150 से 200 करोड़ रुपये के कर अपवंचन के प्राम्भिक प्रमाण मिले हैं । राज्य स्तरीय दल द्वारा जब एक साथ छापे मारी की कारवाही की गई तो दल द्वारा मुख्यत: यह पाया गया की प्रतिष्ठानों द्वारा आवश्यक दस्तावेज को या तो हटा दिया गया अथवा कंप्यूटर से जानकारी को डिलीट कर दिया गया । विभाग को जो कंप्यूटर मिले उसमे कोई भी जानकारी दर्ज पाई नहीं गई ।

 विभाग आवश्यक जानकारियों को संग्रह तथा साक्ष्य को नष्ट करने के सबूत मिलने के कारण प्रतिष्ठान संचालकों के विरूद्ध एफ आई आर दर्ज करने हेतु गंभीरता पूर्वक विचार कर रही है । सम्बंधित प्रतिष्ठानों द्वारा राजस्व सम्बन्धी गंभीर अनियमितताए की गई है जैसे स्वीकृत क्षेत्र से अधिक क्षेत्र फल में कोयले का भंडारण बिना डायवर्सन के कृषि भूमि पर गैर कृषि गतिविधियों का संपादन शाश्कीय भूमि , आदिवासी भूमि एवं कोटवार की जमीन पर अनाधिकृत कब्ज़ा , पंजीयन शुल्क की व्यापक चोरी इत्यादि । जांच के दौरान एक वाशरी के द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी कर भूमि की रजिस्ट्री की गई है , ऐसे व्यक्तियों के नाम पर रजिस्ट्री पाई गई जिस अनुसूचित जन जाति का प्रदेश में होने का प्रमाण ही नहीं पाया गया है । कुछ वाशरी संचालकों के द्वारा बड़े झाड़ तथा छोटे झाड़ के जंगल पे कब्ज़ा होना पाया गया । कुछ वाशरी इस ई सी एल के लीज़ क्षेत्र में भी स्थापित होना पाया गया।  पर्यावरण विभाग द्वारा गंभीर पर्यावरण सम्बन्धियों अनियमितताओं का होना पाया गया।

पर्यावरण विभाग द्वारा पाई गई अनियमितताएं इतनी गंभीर हैं की समस्त वाशरी तथा कोल डिपो बंद हो सकता है । पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के द्वारा बताया गया की नोटिस जारी कर दिया गया है , नोटिस का जवाब प्राप्त होने के पश्चात ही क्या कार्यवाही होगी बताया जा सकता है । केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में वाशरियों के सम्बन्ध में जारी कोल हैंडलिंग पॉलिसी लागू करने के सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी किये गए थे जिसका पालन किसी भी वासरियों के द्वारा नहीं किया जा रहा है । उक्त सम्बन्ध में केंद्रीय कोल कंट्रोलर के द्वारा भी अत्यंत कठोर कार्यवाही करने का संकेत मिले हैं । कोल हैंडलिंग पॉलिसी का उल्लंघन करना वासरी संचालकों को गंभीर मुसीबत पैदा कर सकता है ।

समस्त वासरियों के भौतिक सत्यापन के दौरान प्रत्येक स्टेक से कोल की सैंपलिंग ली गई है जिसके ब्रेड का निर्धारण लेबोरेटरी से किया जा रहा है , यदि टी पी से प्राप्त ग्रेड एवं वाशरियों , कोल डिपो तथा कोल साइडिंग से प्राप्त ग्रेड में अंतर पाया गया तो पेनल्टी की राशि कई गुना बढ़ सकती है । कोल ग्रेड में अंतर का मामला केवल रॉयल्टी चोरी का मामला न होकर कोल चोरी का मामला भी हो सकता है । यदि ऐसा हुआ तो पुलिस विभाग भी उक्त सम्बन्ध में कार्यवाही करने पर विचार कर सकती है । अनाधिकारिक तौर पर कुछ अधिकारीयों ने बताया की कई कोल वाशरियों में व्हील वाशिंग सिस्टम ही काम नहीं कर रहा था जिससे कोल डायवर्सन के भी प्रारंभिक प्रमाण मिले हैं ।

इनके विरूद्ध कार्यवाही की गई :मेसर्स हिन्द ग्रुप बिलासपुर तथा जांजगीर चाम्पा , मेसर्स ए सी बी ग्रुप कोरबा मेसर्स के जे एस एल वाशरी कोरबा , मेसर्स हिन्द वाशरी कोरबा , मेसर्स फिल वासरी बिलासपुर , रायगढ़ एवं जांजगीर , मेसर्स महावीर वासरी बिलासपुर एवं जांजगीर , मेसर्स पारस वासरी बिलासपुर मेसर्स माहेश्वरी कोल् बेनेफिकेशन बिलासपुर मेसर्स सम्भावी एनर्जी बिलासपुर , मेसर्स इन्दरमणी कोल बेनेफिकेशन बिलासपुर , मेसर्स छत्तीसगढ़ कोल बेनेफिकेशन बिलासपुर , मेसर्स नवदुर्गा फ्यूल रायगढ़ , मेसर्स सारदा एनर्जी एंड मिनरल्स रायगढ़ , मेसर्स भाटिया एनर्जी रायगढ़ , मेसर्स शिव शक्ति स्टील रायगढ़ , मेसर्स के एल एनर्जी रायगढ़ इसके अलावा 100 से अधिक कोल डिपो तथा कोल साइडिंग में भी कार्यवाही की गई जिसके सम्बन्ध में रिपोर्ट विभाग  द्वारा तैयार की जा रहा है । हालिया दिनों में इतने बड़े पैमाने पर खनिज साधन एवं अन्य विभाग द्वारा संयुक्त दल बना कर एक साथ कार्यवाही करने के प्रामण नहीं है । कार्यवाही से स्पष्ट है की सम्बंधित कारोबारियों की मुश्किलें बढऩे वाली हैं ।

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