बस्तर

भूमाफियों की दादागिरी, आम रास्ते पर बनाई बाउंड्री, रास्ते के लिए मांग रहे हैं डेढ़-डेढ़ लाख
23-Jul-2022 9:53 PM
भूमाफियों की दादागिरी, आम रास्ते पर बनाई बाउंड्री,  रास्ते के लिए मांग रहे हैं डेढ़-डेढ़ लाख

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 23 जुलाई।
नगर के धरमपुरा नंबर 3 जिसे कंगोली भी कहा जाता है, जहां भूमाफियों ने प्रशासन की भूमि जिसकी कीमत करोड़ों में है, वहां प्लाट काट-काटकर बेच दिया और अभी भी सौदे कर रहे हैं, इस खबर को ‘छत्तीसगढ़’ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

खबर के प्रकाशन के बाद उस क्षेत्र से और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार भूमाफियों ने सरकारी जमीन को बेचकर न केवल शासन को करोड़ों का चूना लगाया है, अपितु आम रास्ते को भी नहीं बख्शा। जिसे  कब्जे में कर लोगों की आवाजाही बंद करने का प्रयास भी किया है।

धरमपुरा 3 के अशोका लाइफ स्टाइल हाउसिंग कॉलोनी पहुंच मार्ग के दाई तरफ की अधिकांश सरकारी जमीनों पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर बेच दिया है, और वहां बने घरों के आगे के आम रास्ते को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया है। जिसकी वजह से वहां निवास करने वाले लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

लोगों ने आपत्ति जताई तो एक छोटा सा रास्ता दिया है। भूमाफियाओं द्वारा स्थाई तौर पर रास्ता देने के लिए प्रत्येक मकान से डेढ़-डेढ़ लाख रुपए की मांग की जा रही है।

भूमाफियाओं से ऐसा खौफ कि स्थानीय निवासी मीडिया तक से बात करने डर रहे हैं
धरमपुरा नंबर 3 के निवासियों में भूमाफियाओं का खौफ इस कदर भरा हुआ है कि वो इस संबंध में मीडिया तक से बात करने से डर रहे हैं। इसलिए जब प्रशासनिक अधिकारी भी कब्जे वाली जमीन के संदर्भ में पूछताछ के लिए जाते हैं तो लोग खुलकर बयान देने के लिए सामने नहीं आते। इसलिए सरकारी जमीन की खरीद फरोख्त इतने वर्षों तक मीडिया के सामने आने से बची रही।

भूमाफियाओं के सत्ताधारी दल के बड़े नेताओं से संबंध, इसलिए कार्रवाई नहीं
स्थानीय निवासियों का कहना है कि भूमाफियाओं के सत्ताधारी दल के बड़े नेताओं से संबंध है इसलिए बार-बार वह सरकारी कार्रवाई से बच जाते हैं। स्थानीय निवासियों ने दावा करते हुए कहा कि भूमाफिया वहां आकर लोगों को अपने बड़े नेताओं से संबंध होने की बात कहकर धमकाते हैं । सूत्रों के अनुसार स्व सहायता समूह की महिलाओं के शिकायत के बाद भूमाफियाओं ने सत्ताधारी दल के एक बड़े नेता से हस्तक्षेप करवा कर प्रशासनिक कार्रवार्ड रुकवाई थी।

इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई न करने दबाव साफ झलकता है, निगम क्षेत्र का मामला होने के बाद भी निगम का रवैया इस मामले में अब तक ढुलमुल ही रहा है।

पूर्व में महिलाओं की शिकायत पर मौके पर पहुंचे थे प्रशासनिक अधिकारी
इससे पूर्व भूमाफियाओं के कब्जे वाली जमीन पर सामुदायिक भवन की मांग को लेकर स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा जिलाधीश से शिकायत की गई थी, जिसके बाद तहसीलदार पुष्पराज पात्र मौके का मुआयना करने पहुंचे थे, उन्होंने बताया था कि सरकारी जमीन पर जो भी अवैध अतिक्रमण है, उसे एक हफ्ते के अंदर खाली करवा लिया जाएगा।

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