जशपुर

राज्य की भ्रष्ट भूपेश सरकार एवं शहर की निकम्मी पुलिस प्रशासन है, मयंक के आत्महत्या की जिम्मेदार- सांसद गोमती
28-Oct-2022 7:15 PM
राज्य की भ्रष्ट भूपेश सरकार एवं शहर की निकम्मी पुलिस प्रशासन है, मयंक के आत्महत्या की जिम्मेदार- सांसद गोमती

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर,  28 अक्टूबर।
रायगढ़ शहर के युवा व्यवसायी मयंक मित्तल द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में रायगढ़ सांसद गोमती साय ने पुलिस की भूमिका को संदेहास्पद बताते हुए कहा कि इस मामले में दोषियों के गिरेबा तक कानून के लंबे हाथ पहुंचने में क्यों कांप रहे हैं?

रायगढ़ सांसद गोमती साय में इस सामाजिक बुराई के खिलाफ जनसामान्य से किया एक-जुटता का आव्हान करते हुए  शहर में ‘सट्टा प्रकोप’ को लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार एवं पुलिस प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी एवं कहा कि वे पूरे जिले को सट्टा बाजार से मुक्त करें। अन्यथा जन आंदोलन का सामना करने के लिए तैयार रहे।

सट्टा खाईवाली के आक्टोपसी पंजे में फंसकर शहर के तकरीबन आधा दर्जन युवा असमय काल के गाल समा गए । सट्टा में हार के तनाव की वजह से युवा  मयंक को अंतत: खुदकुशी करनी ही पड़ी। आधा दर्जन मामलो में पुलिसिया जांच में कार्यवाही नही किए जाने की वजह से पहली बार जन सामान्य आक्रोशित हुआ और पुलिस के खिलाफ मयंक की अंतिम यात्रा में तख्तियां लेकर अपना विरोध दर्ज कराया। सट्टे में केवल बेनामी चेहरों पर कार्यवाही कर अखबारों के जरिए वाह वाही लूटने वाली पुलिस बड़े खाईवालों को संरक्षण प्रदान करती है।

लगातार हो रही आत्महत्याओं के मामले में सांसद ने राज्य की भूपेश सरकार एवं पुलिस प्रशासन की कार्य प्रणाली की तीखी आलोचना की है। थानों की कमान सटोरियों के हवाले होने का मुद्दा सोशल मीडिया में जोरों से उठ रहा है। उसी का यह नतीजा है कि युवाओं को आत्महत्या करने के लिए विवश होना पड़ा। बड़े सटोरिए बेलगाम हो चुके हैं, इन पर अंकुश लगाने का सही समय यही है।

श्रीमती साय ने कहा कि आसानी से उपलब्ध शराब जैसी नशे की लत व सट्टा जैसी बुराइयों ने युवाओं को  नैतिक पतन की गहरी खाई में धकेल दिया है यही वजह है कि उन्हें अकाल मृत्यु का शिकार होना पड़ रहा। आधा दर्जन से अधिक युवाओं की सट्टे के चलते हुई खुदकुशी के हवाला देते हुए गोमती साय ने सवाल उठाया है कि पुलिस आखिर बड़े सटोरियों पर कार्यवाही से भयभीत क्यों है?
 
राज्य की भ्रष्ट कांग्रेस की भूपेश सरकार एवं पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए गोमती साय ने चेतावनी हुए कहा बहुत हो चुकी अंधेरगर्दी। अब शहर में ऐसी अराजक स्थिति को स्वीकार्य नहीं किया जा सकता द्य उन्होंने कठोर शब्दों में चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि पुलिस मौत के सौदागर बने सटोरियों को संरक्षण न दें। बल्कि उनके विरुद्ध कड़ी कारवाई हेतु प्रभावशाली अभियान छेड़े।  

साय ने रायगढ़ शहर की जनता से आव्हान करते हुए कहा है कि इस सामाजिक बुराई के खिलाफ  एक-जुटता का प्रदर्शन करें । इस मुद्दे पर वे सदैव जनता  के साथ है और सडक़ की लड़ाई लड़ेगी ताकि किसी दूसरे मयंक को असमय फांसी के फंदे में झूलने के लिए विवश न होना पड़े। साय ने कहा कि अब समय आ गया है कि हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।

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