राजनांदगांव
एनएचएआई ने जमीन खरीदी-बिक्री पर रोक लगाने कलेक्टर को जारी किया पत्र
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 6 नवंबर। भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर से हैदराबाद कारीडोर बनाने की प्रारंभिक तैयारी की शुरूआत करते भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने राजनंादगांव एवं मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी कलेक्टर को मार्ग से प्रभावित हो रहे गांवों में तत्काल जमीन खरीदी-बिक्री पर रोक लगने की पत्र जारी किया है। राजनांदगांव एवं एमएमसी जिले के लगभग 80 गांव इस परियोजना के दायरे में है। परियोजना के जरिये रायपुर और राजनांदगांव के बाशिंदों को नागपुर के बजाय सीधे हैदराबाद जाने के लिए 500 किमी की दूरी तय करनी होगी। यानी मौजूदा समय में नागपुर से होकर हैदराबाद जाने के लिए लगभग 700 किमी का लंबा सफर तय करना पड़ता है। इस परियोजना के अस्तित्व में आने से 200 से अधिक किमी की दूरी कम हो जाएगी। वहीं तकरीबन 3 घंटे का वक्त भी सफर में बचेगा।
बताया जा रहा है कि एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने राजनांदगांव, डोंगरगांव, छुरिया, मोहला और अंबागढ़ चौकी ब्लॉक के 80 गांव में खरीदी-बिक्री के साथ डायवर्सन और नामांतरण पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। एनएचएआई के परियोजना निदेेशक ने दोनों जिलों के कलेक्टर को पत्र जारी कर दिया है। बताया जा रहा है कि परियोजना को प्रारंभ करने के लिए डीपीआर कार्य भी शुरू हो गया है। इस वजह से भू-अर्जन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। पत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 के तहत भू-अर्जन प्रस्तावित है। दरअसल एनएचएआई ने कुछ तत्वों द्वारा भू-अर्जन की राशि के लालच में जमीन खरीदी-बिक्री की शुरूआत करने पर रोक के आदेश जारी किए हैं। इन क्षेत्रों के प्रभावितों को भू-अर्जन अधिनियम के अनुसार चार गुना मुआवजा दिया जाएगा। बताया गया है कि राशि का आंकलन गाईड लाइन के दर से किया जाएगा। एक जानकारी के मुताबिक राजनंादगांव, अंबागढ़ चौकी, छुरिया, डोंगरगांव समेत कारीडोर में 80 गांव की सूची जारी कर दी गई है। जिसमें मुआवजे के तौर पर प्रभावितों को अरबो रुपए दिए जाएंगे।