राजनांदगांव
डेढ़ घंटे इंतजार के बाद भी अधिकारी नहीं पहुंचे, न्यायालय ने दिए कुर्की के आदेश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 7 नवंबर। जिला न्यायालय के राजनंादगांव सीएमओ कार्यालय के कुर्की आदेश पर पीडि़ता ने सोमवार को सीएमओ कार्यालय पहुंची। कार्यालय खुलने के बाद संबंधित अधिकारी के गैरमौजूदगी की वजह से पीडि़ता को खाली हाथ ही लौटना पड़ गया। इससे पहले दो दिन पूर्व भी 5 नवंबर को पीडि़ता को मुआवजा राशि कुर्की के माध्यम से दिलाए जाने की जानकारी सीएमओ कार्यालय पहुंच चुकी थी।
सोमवार को जिला न्यायालय के आदेश के बाद पीडि़ता बैसाखिन बाई अपने पुत्र कुलेश्वर और पैरवी कर रहे कुंदन साहू के साथ कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय पहुंचे। वह सुबह 11.30 बजे से दोपहर एक बजे तक संबंधित अधिकारी का इंतजार करते रहे, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी की गैरमौजूदगी की वजह से उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। पैरवी कर रहे कुंदन साहू ने बताया कि बैसाखिन बाई के पति करन लाल की 40 वर्ष की उम्र में एम्बुलेंस से दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मृत्यु हो गई थी। इसके बाद द्वितीय अपर मोटर दुर्घटना दावा अधिकारी न्यायालय में प्रकरण चला, जो 29-1-2018 को आदेश पारित किया गया। आदेश मुख्य चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ हुआ है। आदेश था 7 लाख 28 हजार 125 रुपए को आज दिनांक तक अदा नहीं किया गया। इस कारण आज कुर्की करने आए। सीएमओ की गैरमौजूदगी की वजह से वापस जा रहे हैं। मूल और ब्याज समेत 9 लाख 90 हजार रुपए होता है।
मिली जानकारी के अनुसार मामला तीन साल पुराने एक एम्बुलेंस की चपेट में आए मजदूर के मुआवजे से जुड़ा हुआ है। तीन साल पहले मृतक की पत्नी की याचिका पर जिला न्यायालय ने सीएमओ कार्यालय को मुआवजा के तौर पर 9 लाख रुपए देने का फरमान जारी किया था। आज पर्यन्त सीएमओ कार्यालय से पीडि़त परिवार को फूटी कौड़ी नहीं मिली।
बताया जा रहा है कि एक एम्बुलेंस की चपेट में आने से बैसाखिनबाई नामक महिला के पति की सडक़ हादसे में मौत हो गई थी। महिला ने आर्थिक क्षतिपूर्ति के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बावजूद महिला को सीएमओ की ओर से कोई राहत नहीं मिली। दोबारा महिला ने अवमानना याचिका दायर करते हुए कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई। महिला की ओर से पैरवी कर रहे कुंदन साहू ने मामले में अदालत को सीएमओ कार्यालय के रवैये को लेकर जानकारी दी। इसके बाद अदालत ने सीएमओ कार्यालय के तमाम संसाधन और सामान की नीलामी कर मृतक की पत्नी को ब्याज सहित 9 लाख रुपए देने का आदेश जारी किया।