महासमुन्द
अपराधों के खिलाफ जागरूक हुई बेटियां
बेटियों से अपील कि अपराधों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें, किसी के बहकावे में न आएं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 27 नवंबर। जिले में लगातार संचालित सामुदायिक पुलिसिंग प्रोग्राम के तहत कल शनिवार को महासमुंद के शंकराचार्य सभागार में हमर बेटी हमर मान कार्यक्रम के तहत महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों-कानूनी प्रावधानों के प्रति जागरूकता का एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन पुलिस अधीक्षक महासमुंद भोजराम पटेल ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम में हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल स्तर की मेधावी छात्राओं और शिक्षिकाओं को और नर्सिंग में कार्यरत बालिकाओं को सम्मिलित किया गया। उक्त कार्यक्रम में अतिथि व्याख्याताओं और प्रतिभागियों के मध्य संवाद हुआ जिसमें प्रतिभागियों ने बहुत से प्रश्न अतिथि व्याख्याताओं से पूछे।
कार्यक्रम में अतिथि व्याख्याताओं के रूप में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चित्रलेखा सोनवानी, एडीपीओ हेमलता देवांगन, छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग सदस्य अनिता रावटे, सामाजिक कार्यकर्ता बी शैलजा और पुलिस विभाग से एसडीओपी बागबाहरा प्रतिभा चंद्रा, एसडीओपी महासमुंद मंजूलता बाज ने अपने विचार व्यक्त किए। इस दौरान महिलाओं के साथ बढ़ते अपराध, घरेलू हिंसा, दहेज प्रथा और पुलिस की विभिन्नगतिविधियों के बारे में स्कूली छात्र छात्राओं को अवगत कराया गया।
‘छत्तीसगढ़’ से इस संबंध में बातचीत करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश राव गिरेपुंजे ने कहा कि हर रोज महिलाओं के साथ प्रताडऩा के केस थानों तक पहुंचते हैं। इनमें से अधिकांश को कानून व्यवस्था को नहीं जानतीं। घर-बाहर-दफ्तर-स्कूल में खासकर बेटियों के साथ अपराध घटित होते हैं। अत: हम भी समझ रहे हैं कि बेटियों की सुरक्षा अब अलग नीति के तहत होना चाहिए। इसलिए हम बेटियों को तैयार कर रहे हैं। हर बच्ची के पीछे एक पुलिस चौबीसों घंटे नजर नहीं रख सकती क्योंकि पुलिस के पास ढेरों जिम्मेदारियां हैं। इसलिए बेटियों का अपना मित्र बना रहे हैं, उनमें आत्मविश्वास जगा रहे हैं, उन्हें हौसला दे रहे हैं कि पुलिस उनके साथ है। कहीं भी, उनके साथ गलत होता दिखे तो तत्काल सूचित करें। बेटियों से अपील है कि अपराधों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें,किसी के बहकावे में न आएं। खुद को कभी कमजोर
न समझें और अपराधियों से भरसक मुकाबला करें।