दुर्ग
दुर्ग-बोरसी में दूसरी बार रुद्राक्ष के पेड़ में काफी फल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 13 जनवरी। दुर्ग जिले के बोरसी निवासी महतो परिवार घर रुद्राक्ष के पेड़ में लगे फल देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। इस घर में तीन मुखी रुद्राक्ष फला है जो हिंदू मान्यता के अनुसार अद्भुत लाभ देता है।
बोरसी क्षेत्र में रामाधार महतो के घर में काफी बड़ी नर्सरी है। उस नर्सरी में वो सैकड़ों प्रजाति के फूल और ऑक्सीजन प्लांट के पौधे लगा कर बेचते हैं।
उनके बेटे अजय महतो ने बताया कि पिता ने बाहर से रुद्राक्ष का पौधा मंगाया था। उसे घर के पास बने भगवान शंकर के मंदिर के बगल से लगा दिया था। लगभग 20 वर्षों में पौधा वृक्ष का रूप ले चुका है। हालांकि दुर्ग जिले में कई रुद्राक्ष के पौधे लगे हैं, लेकिन फल देने वाला पहला पेड़ उनके पास ही है जिसका रुद्राक्ष तीन मुखी है।
अजय ने जानकारी दी कि उनके इस पेड़ में दूसरी बार फल लगे हैं। पहली बार काफी कम फल लगे थे। जब वह पक कर नीचे गिरे तो 108 रुद्राक्ष की माला बनाकर महतो परिवार ने भोलेनाथ की प्रतिमा को चढ़ाया और दूसरी माला एक बड़े संत को दी। इस बार रुद्राक्ष के पेड़ में काफी फल लगे हैं।
अजय ने कहा कि मार्केट में रुद्राक्ष के नाम पर काफी लूट है, लोगों को नकली रुद्राक्ष पकड़ा दिया जाता है लेकिन वो लोग इस रुद्राक्ष का व्यावसायिक उपयोग नहीं करेंगे। जिन लोगों को रुद्राक्ष की जरूरत होगी और वह इसको पूजते होंगे, वह उन्हें इसे देंगे।
अजय ने बताया कि तीन मुखी रुद्राक्ष के अद्भुत फल बताए गए हैं। यह भगवान शंकर की कृपा से उनके यहां फला है, इसलिए इसे जरूरतमंद लोगों को दिया जायेगा।
गौरतलब हो कि मान्यता अनुसार सावन मास के किसी भी सोमवार के दिन ब्रह्मा, विष्णु और महेश आदि त्रिदेवों के प्रति इस तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से त्रिदेवों की कृपा बरसने लगती है क्योंकि तीन मुखी रूद्राक्ष में इन तीनों की शक्तियों का वास होता है।
तीन मुखी रुद्राक्ष में अग्नि तत्व की प्रधानता है, अग्नि तत्व जो कि पंच तत्वों में भी मुख्य तत्व माना जाता है, इसकी प्रमुखता के कारण तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले जातक के विचारों में शुद्धता व स्थिरता आती है। अग्नि तत्व होने से यह पेट की बिमारियों को भी दूर करता है, पेट की अग्नि मंद होने पर (अजीर्ण की समस्या होने पर) भोजन समय पर न पचने पर तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से अद्भुत लाभ मिलता है।