राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 18 जनवरी। शहर के व्यापार प्रकोष्ठ के दक्षिण मंडल अध्यक्ष जैनम बैद ने देवभूमि उत्तराखंड की ऊंची चोटियों में से एक ब्रम्हताल के शीर्ष चढ़ाई पूरी कर राष्ट्रीय ध्वज व जैन समाज का झंडा लहराया। करीब 30 किमी लंबी इस चार दिन की यात्रा को तीन दिन में पूरा करने के बाद 12 हजार 250 फीट की ऊंचाई पर माईनस 7 डिग्री के तापमान में उन्होंने यह यात्रा पूरी की।
जैनम ने बताया कि अपने पौराणिक इतिहास और महत्वता के लिए देवभूमि के रूप में जाने वाले उत्तराखंड में उन्होंने इस ट्रेकिंग में हिस्सा लिया। इस चुनौतीपूर्ण चढ़ाई में भारत के कुल 11 लोग शामिल थे। उन्होंने बताया कि माईनस तापमान में 30 किमी लंबी इस यात्राएं में कई बाधाएं हैं। इसे पूरा करना हर किसी के लिए संभव नहीं हो पता है।
उन्होंने बताया कि लंबे समय से वे इस यात्रा को पूरा कर देश के अद्भूत भौगोलिक और प्राकृतिक वातावरण के करीब आना चाहते थे। जैनम ने कहा किए हमने कडक़ड़ाती ठंड में विशेषज्ञों के साथ इस यात्रा को पूरा किया, जब हम चोटी पर पहुंचे तो तापमान माईनस 7 डिग्री था। चार दिनों की इस यात्रा को हमने कई चुनौतियों के बीच तीन दिन में ही पूरा कर लिया। कई मुश्किलें आईं, लेकिन लक्ष्य तक पहुंचने के संकल्प के सामने कुछ नहीं टिक सका।
जैनम ने बताया कि चोटी से भारतवर्ष की भूमि बादलों से ढंकी सी नजर आई। मैंने वहां राष्ट्रीय ध्वज और जैन समाज का झंडा फहराकर इस सफलता का पल अपने भीतर सहेज लिया। देवभूमि पर बरसती देवकृपा चोटी से साफ नजर आती है। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को विदेशों की बजाए हमारे देश में मौजूद संस्कृति और प्रकृति से साक्षात्कार करना चाहिए। ये एक अलग ही अनुभव है, जो हमें अपने इतिहास के और करीब लेकर आता है।