राजनांदगांव
अब छत्तीसगढ़ मूल निवासी प्रमाण-पत्र अनिवार्य नहीं है
राजनांदगांव, 19 जनवरी। छत्तीसगढ़ शासन की सवेदनशील योजना ‘‘मोर मकान मोर आस‘‘ इस योजना के अंतर्गत नगर पालिक निगम राजनांदगांव क्षेत्रांतर्गत वर्षो से किरायेदारों के रूप में निवासरत परिवारों को मात्र आवास के लागत मूल्य पर सर्वसुविधा युक्त स्वच्छ वातावरण में आवास प्रदान करने हेतु इस महत्वपूर्ण योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना के तहत आवेदन करने आवश्यक दस्तावेजों में छग मूल निवासी प्रमाण-पत्र या इसे संबंधित किसी प्रकार के कोई भी दस्तावेजों की अनिवार्यत: को स्थिरता प्रदान करते इस दस्तावेज की अनिवार्यता को शासन द्वारा समाप्त किया जा रहा है। आवेदक नगर निगम के प्रधानमत्री आवास योजना कार्यालय से संपर्क कर नियमों के तहत अपने आवेदन प्रस्तुत कर योजना का लाभ ले सकते हैं। आवेदक 31 अगस्त 2015 के पूर्व से निकाय क्षेत्र का रहवासी हो आवेदक के पूरे परिवार की समस्त स्त्रोत से आय 3 लाख रुपए सालाना से कम हो। आवेदक द्वारा 100 रुपए के स्टॉम्प पर नोटिरी किए हुए शपथ पत्र प्रस्तुत करें इस शपथ पत्र में आवेदक लिखित में देंगे कि संपूर्ण भारत वर्ष में मेेरे एवं मेरे परिवार के नाम से कोई आवास या आवासीय भूमि नहीं है।
महापौर हेमा सुदेश देशमुख ने छग मूल निवासी प्रमाण-पत्र के नियमों मे शासन द्वारा शिथिलता प्रदान करने पर खुशी जाहिर करते कहा कि जरूरतमंद परिवारों को मात्र लागत मूल्य पर आवास उपलब्ध कराना शासन की एक संवेदनशील पहल है। उन्होंने बताया कि 31 अगस्त 2015 के पूर्व ऐसे परिवार जो निकाय क्षेत्र में किरायेदार के रूप में रहते है। उनके पास 31 अगस्त 2015 के पूर्व निवासरत होने के दस्तावेज हैं, वे इस योजना का लाभ ले सकते है। हितग्राहियों को आवास लेने सुविधा प्रदान करने विभिन्न बैंको से ऋण देने योजना के अधिकारी लगातार बैंको से सम्पर्क बनाए हुए हैं, ताकि हितग्राही बैंक ऋण लेकर आवास योजना का लाभ ले सके।
आयुक्त ने बताया कि 26 दिसंबर 2022 तक जिन्होंने आवेदन किया है उन्हें इस आबंटन की प्रक्रिया एवं लॉटरी हेतु चयन किए गए परिवारों में किसी प्रकार की कोई आपत्ति है तो वे 23 जनवरी को शाम 5 बजे तक दावा आपत्ति दर्ज कराएं।