राजनांदगांव
हॉकी के नर्सरी को अपेक्षाकृत नहीं मिला रमन सरकार में महत्व
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 17 फरवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजनांदगांव के पिछड़ेपन और उपेक्षा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया। गुरुवार को शहर में आधा दर्जन कार्यक्रमों में शरीक होने पहुंचे मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि 15 साल रमन सरकार में राजनांदगांव की घोर उपेक्षा हुई। जिसका उदाहरण हॉकी की नर्सरी के रूप में ख्याति प्राप्त शहर को भाजपा सरकार में महत्व नहीं मिला।
उन्होंने हॉकी खेल के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधा फ्लड लाईट की व्यवस्था भी नहीं की। जिससे साफ है कि भाजपा शासनकाल में राजनांदगांव जिला देश के 110 अति पिछड़े जिलों में शामिल किया जाता है। पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर से कई अंतर्राष्ट्रीय-राष्ट्रीय स्तर के हॉकी खिलाड़ी निकले, लेकिन डॉ. सिंह ने स्टेडियम में एक फ्लड लाईट भी लगाना जरूरी नहीं समझा।
मुख्यमंत्री ने नगरीय निकायों को चुंगी कर के बदले क्षतिपूर्ति राशि के प्रश्न के जवाब में कहा कि डॉ. रमन के समय निकायों को मात्र एक करोड़ मिलता था। मौजूदा सरकार ने 4 करोड़ रुपए निकायों को दिए हैं। बस्तर में भाजपा नेताओं की सिलसिलेवार नक्सल हत्या को लेकर सीएम ने कहा कि भाजपा इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। रमन सिंह के कार्यकाल में झीरम जैसा एक बड़ी जघन्य नक्सल घटना हुई। रमन अपने कार्यकाल में नक्सल क्षेत्रों में जाने से डरते थे। अब लोग आधी रात को भी नक्सल क्षेत्रों में आवाजाही कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अपने और रमन के कार्यकाल की तुलना करते कहा कि नक्सल वारदात प्रदेश में कम हो गई है।
उन्होंने कहा कि नक्सलियों ने जिन भाजपा नेताओं की हत्या की है, उसकी जांच पुलिस कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश पुलिस ने एनआईए से पूरे वारदात की जांच करने का आग्रह किया है। भाजपा इन घटनाओं का राजनीतिकरण करने पर अमादा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी सवाल उठाया कि रमन को मुख्यमंत्री से ज्यादा सुरक्षा प्राप्त है। पूर्व कांग्रेसी मंत्रियों और विधायकों के सुरक्षा रमन सरकार ने वापस ले लिए थे। उन्होंने कहा कि नक्सल क्षेत्रों में खुल रहे कैम्पों से अब नक्सली आईईडी ब्लास्ट करने में भी नाकाम रहे हैं। अब व्यक्तिगत रूप से लोगों के घरों में पहुंचकर हत्याएं कर रहे हैं।