राजनांदगांव

भव्य मंच पर मुखरित हुई छत्तीसगढ़ की लोककला और संस्कृति
18-Feb-2023 4:21 PM
भव्य मंच पर मुखरित हुई छत्तीसगढ़ की लोककला और संस्कृति

डोंगरगांव में तीन दिवसीय लोक मड़ई को देखने हजारों दर्शक जुटे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 18 फरवरी।
डोंगरगांव में गत दिनों आयोजित तीन दिवसीय लोक मड़ई के भव्य मंच पर छत्तीसगढ़ की लोककला और लोक संस्कृति अपनी पूरी गरिमा के साथ मुखरित हुई । छत्तीसगढ़ी लोकगीत, नृत्य, लोक संगीत और हास्य प्रसंग में जहां दर्शक खोए रहे। वहीं थ्री डी मेपिंग लाइट एंड साउंड शो ने लोगों को चमत्कृत किया। लगभग दो दशक पूर्व डोंगरगांव के ग्राम आलीवारा से शुरू हुई लोक मड़ई की कला यात्रा 11,12 और 13 फरवरी को डोंगरगांव के खेल मैदान में नयनाभिराम मंच पर प्रस्तुत हुई। लोगों की भीड़ ने लगातार तीन दिनों तक छत्तीसगढ़ी लोकगीत संगीत एवं नृत्य की त्रिपथगामी सरिता में डुबकियां लगाई और स्वयं के छत्तीसगढय़िा होने पर गर्व भी महसूस किया। लोक मड़ई उत्सव समिति के आधार स्तंभ और विधायक दलेश्वर साहू के निर्देशन में डोंगरगांव में लगातार पांचवीं बार लोक मड़ई का आयोजन हुआ ।  

प्रथम दिवस आदिवासी समाज के लोगों ने सांस्कृतिक प्रतीक मड़ई  के साथ डोंगरगांव में जुलूस निकाला।  शहर के प्रमुख मार्गों के भ्रमण उपरांत जुलूस कार्यक्रम स्थल पहुंचा। सुप्रसिद्ध पंडवानी गायिका शांतिबाई चेलक, मीना साहू और दुर्जनबाई ने पंडवानी की प्रस्तुति दी। पंडित विवेक शर्मा, कंचन जोशी, नितिन दुबे, कांति कार्तिक यादव और चंपा निषाद ने अपने मधुर स्वरों में छत्तीसगढ़ी गीतों, हेमलाल कौशल, नवीन देशमुख और नरेश यादव ने हास्य प्रदर्शन के माध्यम से लोगों को हंसाया। हेमलाल कौशल ग्रुप ने छत्तीसगढ़ की पारंपरिक बिहाव परंपरा को मंच पर साकार किया।

कार्यक्रम के दूसरे दिन हेमलाल कौशल ने छत्तीसगढ़ी लोक नाटक नाचा को प्रस्तुत कर वाहवाही बटोरी। वहीं हास्य कलाकार पप्पू चंद्राकर और घेवर यादव ने हास्य प्रसंग प्रस्तुत कर लोगों को गुदगुदाया। गीतांजलि साहू, दिनेश-हेमलता देवांगन और शिवानी जंघेल ने छत्तीसगढ़ी गीतों की प्रस्तुति दी। सुप्रसिद्ध देवी जस गायक दुकालू यादव और गोरेलाल बर्मन एवं लक्ष्मीनारायण पांडे और चिमन, कन्हैया, शैलेश की प्रस्तुतियों को भी लोगों ने सराहा।

कार्यक्रम के समापन दिवस पर सुप्रसिद्ध लोक गायक दिलीप षडंगी, अलका चंद्राकर, संजय सुरीला, सुनील सोनी, अनुपमा मिश्रा और पूर्णिमा पाणिग्रही ने छत्तीसगढ़ी गीतों की शानदार प्रस्तुति दी। मंच पर पारंपरिक गौरा-गौरी और राउत नाचा को देखकर दर्शक अभिभूत थे।

स्मारिका का विमोचन
लोक मड़ई के अवसर पर आयोजन समिति द्वारा प्रकाशित स्मारिका लोक मड़ई  2003 का विमोचन किया गया । स्मारिका, अविभाजित राजनांदगांव जिले के ख्याति प्राप्त लोक कलाकारों के व्यक्तित्व और उनके रंगकर्म पर एकाग्र है । स्मारिका का संपादन साहित्यकार एवं वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र बहादुर सिंह ने किया है । संपादन सहयोग राजेंद्र यादव और मुन्ना बाबू का है।

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