राजनांदगांव
डूबे पुल से जान जोखिम में डालकर गुजर रहे लोग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 10 जुलाई। जिले में हो रही मूसलाधार बारिश से शिवनाथ नदी की रफ्तार बढ़ गई है। शिवनाथ की सहायक नदियां भी उफान पर है। वहीं बांध-बैराज से पानी छोडऩे के कारण शिवनाथ की धार तेज हुई है। इस सीजन में पहला मौका है जब शिवनाथ अपने पूरे शबाब पर है। शिवनाथ का उग्र रूप देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि छोटी नदियां और नाले भी लबालब होकर बह रहे हैं। इधर शिवनाथ के छलकने से पुराना पुल भी डूब गया है। पिछले तीन-चार दिनों के भीतर मोंगरा जलाशय भी लबालब भर गया है। मोंगरा से पानी छोडऩे के कारण शिवनाथ में चौतरफा पानी का दबाव बढ़ा है। मोंगरा के 10 में से 4 गेट खोल दिए गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि मोंगरा बैराज के कैचमेंट एरिया से भी पानी की आवक बढ़ी है। मोंगरा के पिछले हिस्से के जंगलों से मानसूनी पानी पहुंच रहा है।
खेतों में किसानों के लिए बुआई के बाद अब तक हुई बारिश फायदेमंद साबित होगी। इधर सोमवार को शिवनाथ का जलस्तर तेज हो गया है। पुराना पुल और नया एनीकट भी नदी के जलस्तर बढऩे से डूब गया है। नदी का जलस्तर बढऩे से नदी किनारे के गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रशासन ने संबंधित अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। इधर लगातार खेतों में बरसाती पानी का भराव होने से किसान खेती कार्य में तेजी ला रहे हैं।
उफान देखने लोगों की उमड़ रही भीड़
शिवनाथ नदी के उफान पर चलने को लेकर लोग शिवनाथ तट पर पहुंचने लगे हैं। लोग परिवार व दोस्तों के साथ नदी की रफ्तार की वीडियो और फोटो भी बना रहे हैं। वहीं लोग अलग-अलग जगह से नदी की वीडियो, फोटो और सेल्फी भी लेने में व्यस्त नजर आ रहे हैं।
पुराने पुल से गुजर रहे लोग
शिवनाथ नदी में जलस्तर बढऩे के साथ ही पुराने पुल के डूबने के बाद भी लोग अपनी जान जोखिम में डालकर गुजरने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। लोग पुराने पुल में पानी भरे होने के बावजूद साइकिल और मोटर साइकिल से नदी के एक किनारे से दूसरे किनारे जाते नजर आए। ऐसे में इन लोगों को रोकने के लिए सुरक्षा का इंतजाम नहीं होने से ऐसे लोगों के हौसले बुलंद हो गए हैं। लोगों के गुजरने का क्रम सोमवार सुबह अधिक देखा गया।
खेती काम में आई तेजी
शिवनाथ नदी की धार तेज होने के साथ ही खेतों में लबालब पानी भरने के बाद किसान भी खेतों की ओर रूख करने लगे हैं। किसान खेतों में पहुंचकर खेतों में की जुताई कार्य में तेजी ला रहे हैं। वहीं मताई के कार्य ने भी जोर पकड़ लिया है। इधर खेती कार्य शुरू होने के साथ ही खेतीहर मजदूर भी खेतों में पहुंचने लगे हैं। वहीं बाहरी शहरों और राज्यों में काम करने लोग वर्षा ऋतु शुरू होने के साथ ही खेती कार्य के लिए गांव पहुंचने लगे हैं। इधर बाहरी राज्य में कमाने गए लोगों का गांव पहुंचने का क्रम जारी है। इधर सावन मास शुरू होने के साथ ही खेतों में लबालब पानी होने से किसान जुताई, मताई और रोपाई और बीजारोपण करने का कार्य तेज कर दिया है।
खेतों में गुजार रहे अधिक समय
बारिश का मौसम शुरू होने के साथ ही किसानों की व्यस्तता बनी हुई है। सुबह से ही किसान खेतों की ओर रूख कर रहे हैं। वहीं देर शाम तक किसान खेतों की रखवारी करने और बरसाती पानी को लेकर नजर बनाए हुए हैं। इसके अलावा बड़े किसान खेती कार्य को जल्द से जल्द पूरा कराने खेतीहर मजदूरों को लेकर पहुंच रहे हैं। इधर ट्रेक्टर से मताई होने के बाद रोपाई के कार्य के लिए खेतीहर मजदूरों मांग बनी हुई है। ऐसे में किसान घर के बजाय खेतों में अधिक समय गुजार रहे हैं।