बलरामपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलरामपुर,11 जुलाई। जिले के एक गांव के 40 घरों की आबादी वाले पहाड़ी कोरवा नहर पर लकड़ी का पुल बनाकर जान जोखिम में डालकर आना-जाना करने मजबूर हैं।
दरअसल, पूरा मामला जिले में राजपुर जनपद पंचायत के ग्राम आरा गांव के धवई बांध पारा का है, जहाँ पर पहाड़ी कोरवा जनजाति की करीब 40 घरों की आबादी निवासरत हैं और यहाँ पर बीते कई वर्षों से जल संसाधन विभाग द्वारा नहर का निर्माण करवाया गया था और उसमें जल का प्रवाह लगातार हो रहा है, लेकिन सबसे बड़ी विडंबना यह है कि नहर के दोनों किनारे पहाड़ी कोरवा की आबादी निवास कर रही है ,और आबादी वाले क्षेत्र में विभाग द्वारा नहर पर पुल का निर्माण नहीं करवाया गया है ,जिससे ग्रामीण लडक़ी का पुल नहर पर बनाकर अपनी जान को जोखिम में डालकर आना जाना करने पर मजबूर हंै।
ग्रामीणों ने बताया है कि रात के अंधेरे में लकड़ी का पुल पार करना पड़ता है। दो वर्ष पहले लकड़ी के पुल से गिर जाने से एक ग्रामीण का पैर भी टूट चुका है, वहीं क्षेत्रीय विधायक भी बीते विधानसभा चुनाव के पहले गांव में आकर नहर के ऊपर पुल बनाने की बात कही थी, लेकिन घोषणा ठंडे बस्ते में पड़ गया। जिससे ग्रामीण आज भी अपनी जान को जोखिम में डालकर आना जाना करने पर मजबूर हैं।
वहीं इस मामले में जल संसाधन विभाग क्रमांक 01 के ईई से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमें किसी भी मामले में मीडिया और प्रेस में कुछ भी बोलने से विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा मना किया गया है।