बलरामपुर
अधिकारों की लड़ाई लडऩे एकजुटता संदेश, सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुसमी, 11 अगस्त। विश्व आदिवासी दिवस पर सर्व आदिवासी समाज कुसमी ने बुधवार को स्थानीय हाई स्कूल ग्राउंड में हजारों आदिवासियों की उपस्थिति में सभा का आयोजन किया। इस दौरान आदिवासी बालक-बालिकाओं द्वारा आदिवासी संस्कृति ओर ध्यान आकर्षक कराते हुए मांदर की थाप पर नृत्य पेश किया। रैली के दौरान सभी ने मणिपुर की घटना को ध्यान में रखते हुए हाथ पर काली बांधकर आक्रोश रैली निकाली।
सर्व आदिवासी समाज के जिला संरक्षक राजेंद्र भगत के मार्गदर्शन तथा समाज के वरिष्ठ लक्ष्मी प्रसाद निकुंज के अध्यक्षता में कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया, जहाँ आदिवासी समाज के वक्ताओं ने समाज को एकजुट होकर अपने अधिकारों की लड़ाई लडऩे हेतु एकजुट रहने का संदेश दिया। सभा के बाद समाज के लोगों ने हाइस्कूल खेल मैदान से रैली निकाल कर पैदल मार्च करते हुए कुसमी मुख्य मार्ग से होकर एसडीएम कार्यालय पहुँचे। यहाँ पर तहसीलदार को राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप कर अपनी मांगों से अवगत कराया।
कुसमी में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस को सर्व आदिवासी समाज द्वारा धूमधाम से मनाया गया। हाईस्कूल खेल मैदान कुसमी में आयोजित सभा में समाज की विभूतियों के छाया चित्र पर पुष्प अर्पित कर आदिवासी परम्परा के साथ पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे लक्ष्मी प्रसाद निकुंज ने सभी अतिथियों का मंच पर स्वागत किया। अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ के ब्लॉक अध्यक्ष सौरभ कुमार ने राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम सौंपे जाने वाले मांगों का ज्ञापन का वाचन कर उपस्थित हजारों की संख्या में पहुंचे आदिवासियों के बीच साझा किया।
राजेंद्र भगत ने कहा-हम सभी को जागने का समय है। आदिवासियों के साथ नया नया प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने एकजुटता का आह्वान किया।प्रोफेसर सुषमा भगत ने कहा कि आदिवासी आदिकाल से निवास करने वाले को कहते हैं जो जल जंगल जमीन के असली मालिक है, लेकिन सभी एकता के सूत्र में बंध नहीं पा रहे हैं। छोटे-छोटे कबीले में बंटकर कमजोर हो गए हैं। हमारे समाज को शिक्षा के साथ संविधान को पढऩा जरूरी है, अभी जो देश के कई हिस्सों में घटनाएं हो रही है, उसमें आदिवासी महिला ही ज्यादा शिकार हो रही है।
हमारे लिए गर्व करने की बात है कि आदिवासी समाज लडक़ा लडक़ी को एक मानती हैं, इनमें भेदभाव नहीं है और महिला व पुरुषों को भी समान मानती है।
उन्होंने कहा कि आगामी 10वीं व 12वीं बोर्ड की परीक्षा में जो भी आदिवासी छात्रा ब्लॉक में प्रथम स्थान प्राप्त करेगी, उन्हें अपने तरफ से मैं कक्षा 10वीं छात्रा हेतु 1100 एवं कक्षा 12वीं के छात्र 2100 सौ रूपये नगद पुरस्कार दूंगी। आगे उन्होंने कहा कि क्षेत्र की आदिवासी महिलाओं को अच्छा काम दिलाने सहित अन्य प्रलोभन देकर बहला-फुसलाकर कर बाहर ले जाते हैं, यह गलत है।
क्षेत्र में मानव तस्करी हो रहा है, इसके साथ कई और तरीके से लड़कियों को भी कौशल विकास सहित अन्य स्कीम बताकर बाहर ले जाते हैं। कोई समाज के साथ शोषण न कर सके, इसके लिए हर किसी को सामने आकर सहयोग करना चाहिए। मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार पर भी समाज के बीच चिंता व्यक्त किया।
सभा को देवधन भगत सहित अन्य समाज के वरिष्ठजनों ने भी संबोधित किया, वहीं कार्यक्रम के बीच - बीच में आदिवासी बालक व बालिकाओं द्वारा पारंपरिक गीत व नृत्य की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में शुरुआत से मंच का संचालन व अंतिम में आभार व्यक्त सौरभ कुमार व उत्पल भगत ने किया।
पहाड़ी कोरवाओं को वन अधिकार पट्टा का वितरण
कार्यक्रम में तहसीलदार कुसमी शाशिकांत दुबे ने 2 पहाड़ी कोरवा को शासन द्वारा जारी वन अधिकार पट्टा के दस्तावेजों को दिया। समाज के वरिष्ठजनों के हाथों ग्राम पंचायत चैनपुर सेरंगाजोभी के निवासी बेचन पहाड़ी कोरवा को डेढ़ एकड़ व बुन्देल पहाड़ी कोरवा को एक एकड़ कुल भूमि का वन अधिकार पट्टा दिया गया। शासन द्वारा जारी वन अधिकार पट्टा प्राप्त कर राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवा जनजाती के उक्त दोनों सदस्य बेहद खुश नजर आए।
इस अवसर पर राजेंद्र भगत, कार्यक्रम के अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद निकुंज, रामचंद्र दिवान, भूतपूर्व विधायक डॉ. सोहन लाल, जनपद सदस्य खसरु राम बुनकर, पूर्व सरपंच संतोष इंजीनियर, इंद्रदेव निकुंज, जिला पंचायत सदस्य हीरामुनी निकुंज, सरपंच सुनीता भगत, बंसती भगत सहित भारी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग उपस्थित थे।
सामरी में ऑडिटोरियम सामुदायिक भवन स्वीकृति की मांग
आदिवासी समुदाय के प्रमुखों ने आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री से सामरी में आडोटोरीयम सामुदायिक भवन के स्वीकृति की मांग रखकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन लुंड्रा विधायक डॉ. प्रीतम राम व सीतापुर विधायक अमरजीत भगत को आदिवासी जन जागरण विकास मंच की ओर से आदिवासी समाज के विभिन्न समाजों के प्रमुखों ने सामरी में ऑडोटोरियम सामुदायिक भवन के स्वीकृति की मांग की है।
ज्ञापन में अवगत कराया कि सामरी पाठ में 12 आदिवासी समाज का एक धार्मिक एंव सामाजिक संगठन है, जो समय-समय पर शिक्षा स्वास्थ्य पर जन जागरूकता का कार्य करता रहता है। पूर्व में भी समाज के मुखियाओं द्वारा इस मांग को रखा गया है।