बलरामपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलरामपुर,11 अगस्त। जिले में दो विधानसभा सीटें हैं। दोनों सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं, जिले की दोनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। वर्तमान में बलरामपुर के रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के बृहस्पति सिंह विधायक हैं। रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र से अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं का दबदबा है। रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र झारखंड के सरहद से सटे हुए हैं और भौगोलिक दृष्टि से घनघोर वनांचल क्षेत्र है और हाथियों के उत्पात से रामानुजगंज विधानसभा प्रभावित है।
रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र को जानिए-
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले की रामानुजगंज विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है, यहां करीब 65-70 फीसदी अनुसूचित जनजाति की आबादी है, इनमें गोंड़, खैरवार जनजाति समाज के लोग ज्यादा हैं। यहां पंडो, पहाड़ी कोरवा, कोडाक़ू, अगरिया, नगेशिया भुइंहर उरांव जनजाति के लोग भी रहते हैं।करीब 25-30 फीसदी आबादी ओबीसी और सामान्य लोगों की है. पार्टियों का फोकस गोंड और खैरवार पर रहता है, इन्हीं दोनों जनजातियों के उम्मीदवार यहां से जीत हासिल करते रहे हैं।
कितने मतदाता हैं-
रामानुजगंज विधानसभा में जिले के दो प्रमुख नगरीय क्षेत्र बलरामपुर और रामानुजगंज आते हैं, यहां मतदाताओं की कुल संख्या 1,88, 650 है इनमें 96027 पुरूष मतदाता हैं जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 92623 है। यह वनांचल क्षेत्र है यहां की ज्यादातर आबादी गांवों में रहती है।
क्या हैं मुद्दे और समस्याएं
यह सीट अविभाजित मध्यप्रदेश में भी थी तब इसे पाल विधानसभा के नाम से जाना जाता है। लंबे समय तक यहां बीजेपी के कद्दावर नेता रामविचार नेताम यहां से विधायक और छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री रहे लेकिन अब तक मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है. कई गांव अब भी पहुंचविहिन हैं जहां पहुंचने के लिए सडक़ और पुल-पुलिया नहीं है। रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र का रामचंद्रपुर विकासखंड का इलाका हाथी प्रभावित क्षेत्र है। पिछले एक महीने में हाथियों के हमले में दो ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। यहां के ग्रामीण हाथियों के उत्पात से काफी परेशान हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में सडक़ की समस्या है।
2018 में विधानसभा चुनाव की तस्वीर
2018 में रामानुजगंज विधानसभा सीट पर करीब 82 फीसदी मतदान हुआ. इसमें कांग्रेस को 41.7 फीसदी, भाजपा को 20.45 फीसदी वोट मिले. इस सीट से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार बृहस्पति सिंह जीते और लगातार दूसरी बार यहां से विधायक बने। उन्हें कुल 64580 वोट मिले। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रामकिशुन सिंह कुल 31664 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे, वे 32916 वोटों से हार गए। भाजपा को इस सीट पर करारी हार मिली।वहीं निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे विनय पैकरा 18.88 फीसदी वोट हासिल कर तीसरे नंबर पर रहे।