बलरामपुर
रामानुजगंज, 26 अगस्त। उमाशंकर राम ने निलंबन के पन्द्रह महीने के बाद दोषमुक्त कर वापस बहाल करने की मांग की है।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बलरामपुर जिले के कामेश्वर नगर में जनचौपाल भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान पांच मई 2022 को भू-अर्जन प्रकरणों में लापरवाही बरतने और शासकीय कार्य का निर्वहन नहीं करने के कारण कार्यपालन अभियंता उमाशंकर राम को निलंबित कर दिया गया था, जिसके बाद अब तक पन्द्रह महीने का समय बीतने के बावजूद भी उन्हें बहाल नहीं किया गया। जबकि उस दौरान मुख्यमंत्री के द्वारा ही सस्पेंड किए गए एक सीएमओ, दो डीएफओ और एक रेंजर को निलंबन के पांच महीने के भीतर ही जांच के बाद बहाल कर दिया गया।
उमाशंकर राम के निलंबन प्रकरण में विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा सभी तरह की विभागीय जांच हो चुकी है। विभाग के प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, कार्यपालन अभियंता के द्वारा दोषमुक्त करते हुए निलंबित से बहाल के लिए सचिवालय में अप्रैल महीने में ही प्रस्तुत किया जा चुका है.
उमाशंकर राम ने मांग की है कि उन्हें जांच कर दोषमुक्त किया जाए और वापस बहाल कर प्रभारी अधीक्षण अभियंता में रिक्त पद पर पदस्थ किया जाए।
गौरतलब है कि उमाशंकर राम ने अपने सेवाकाल में इंदिरा सागर परियोजना मध्यप्रदेश, पेलावरम अंतर्राज्यीय परियोजना आंध्रप्रदेश, महानदी परियोजना और गंगरेल बांध में बेहतर कार्य करते हुए वृहद परियोजनाओं को सफल बनाया है।