बिलासपुर

विधि से संघर्षरत बालकों को समाज की मुख्यधारा से जोडऩे पर जोर
12-Sep-2023 8:35 PM
विधि से संघर्षरत बालकों को समाज की मुख्यधारा से जोडऩे पर जोर

  बच्चों से संबंधित डायवर्जन प्रक्रिया पर एक दिनी कार्यशाला  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 12 सितंबर। आज बिलासपुर पुलिस का यूनीसेफ एवं सीएसजे संस्था के साथ बच्चों से संबंधित डायवर्जन प्रक्रिया पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में कॉलेज, स्कूल, एनजीओ तथा पुलिस के अधिकारी, कर्मचारी शामिल हुए। कार्यशाला में बच्चों लिए डायवर्जन प्रक्रिया को अपराध से दूर करने तथा समाज के मुख्य धारा से जोडऩे का माध्यम बताया। 

यूनीसेफ संस्था के राज्य प्रमुख जॉब जकारिया ने संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों के डायवर्जन प्रक्रिया समाज के ऐसे बच्चों के लिए है जो अपराध की दिशा में उन्मुख हुये हैं, तथा पर्याप्त देखरेख तथा संरक्षण के अभाव में अपराध के क्षेत्र में बढ़ रहे हैं, ऐसे बच्चों को जे. जे. एक्ट तथा बच्चों से संबंधित अन्य प्रावधानों के माध्यम से अपराध की दिशा में बढऩे से रोककर उनके उचित विकास हेतु विधि द्वारा प्रदत्त प्रावधानों का पालन करते हुए विधि से संघर्षरत बालकों को समाज के मुख्य धारा से जोडक़र उनका भविष्य सुरक्षित करना डायवर्जन प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य है। 


बिलासपुर पुलिस के निजात अभियान के संयुक्त तत्वावधान में यूनीसेफ तथा सीएसजे (काउंसिल टू सिक्योर जस्टिस) संस्था के द्वारा बच्चों के लिए डायवर्जन प्रक्रिया से संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला का तृतीय चरण का आयोजन 12 सितंबर को पुलिस लाईन स्थित ऑडिटोरियम में आयोजन किया गया, जिसमें पुलिस अधीक्षक बिलासपुर संतोष कुमार सिंह (भापुसे), अति. पुलिस अधीक्षक (शहर) राजेन्द्र जायसवाल, अति. पुलिस अधीक्षक ग्रामीण राहुल देव शर्मा, नगर पुलिस अधीक्षक (सिटी कोतवाली) पूजा कुमार (भापुसे), उप पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) राजेश श्रीवास्तव, कॉलेज, स्कूल के प्राचार्य तथा शिक्षक, सामाजिक संस्थाओं के प्रमुख तथा सदस्यगण के साथ-साथ थाना सरकण्डा, सिटी कोतवाली, सिविल लाईन, चकरभाठा, के थाना प्रभारी तथा स्टाफ उपस्थित रहे।

 कार्यक्रम के उद्बोधन में पुलिस अधीक्षक बिलासपुर संतोष कुमार सिंह के द्वारा कार्यक्रम की महत्ता को बताते हुए योजना के उद्देश्यों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई तथा विधि से संघर्षरत बालकों को अपराध से दूर करने तथा उनके सतत् विकास के लिए इस कार्यक्रम को एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया। 

यूनीसेफ के टीम द्वारा किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के बारे में अवगत कराया गया विशेषकर फॉर्म 1 (सामाजिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट), फॉर्म 2 और फॉर्म 42।  यूनीसेफ द्वारा केस स्टडी बेस्ड लर्निंग के माध्यम से विभिन्न तरह के विधि संबंधित जानकारी दी गई। पुलिस और विभिन्न किशोर संबंधित एजेंसीज़ के बीच समन्वय के मुद्दों को बताया गया। स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर और चेकलिस्ट दिया गया। इस कार्यशाला के अंत में यूनीसेफ टीम द्वारा प्रशिक्षण के बाद मूल्यांकन (पोस्ट ट्रेनिंग असेसमेंट) भी किया गया। 

बिलासपुर पुलिस के द्वारा संचालित निजात अभियान के संयुक्त तत्वावधान में यूनीसेफ तथा सीएसजे (काउंसिल टू सिक्योर जस्टिस) संस्था के द्वारा आज तृतीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। जिसमें यूनीसेफ संस्था के प्रमुख एवं सदस्य जॉब जकारिया (चीफ यूनीसेफ), चेतना देसाई ( बाल संरक्षण विशेषज्ञ यूनीसेफ), गीतांजलि दासगुप्ता ( स्टेट कंसलटेंट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनीसेफ) निमिशा श्रीवास्तव ( एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर , काउंसिल टू सिक्योर जस्टिस ) उर्वशी तिलक (डायरेक्टर , काउंसिल टू सिक्योर जस्टिस) रामनारायण वर्मा (टेक्निकल एक्सपर्ट डायवर्सन , काउंसिल टू सिक्योर जस्टिस )उपस्थित रहे।

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