बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 5 मई। जिस अपराधी के खिलाफ केंद्रीय जेल प्रबंधन ने पैरोल में फरार होने की थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है दरअसल वह गंभीर बीमारी से ग्रस्त है और उसका मुंबई में इलाज चल रहा है।
14 साल पुराने इंटरसिटी दोहरे हत्याकांड मामले में 7 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा मिली है। वे सभी केंद्रीय जेल बिलासपुर में सजा काट रहे हैं। इनमें एक अपराधी अजय जायसवाल को कोर्ट के आदेश पर जनवरी माह में पैरोल पर छोड़ा गया था। उसे 2 मई को केंद्रीय जेल में हाजिरी देनी थी। जब वह जेल नहीं पहुंचा तो मुख्य प्रहरी श्री कुमार ध्रुव ने सिविल लाइन थाने में उसके फरार होने की एफआईआर दर्ज करा दी और बिना पूछताछ किये कोतवाली लाइन थाने में अपराध दर्ज भी कर लिया गया।
अपराध लिखने के बाद पुलिस ने छानबीन की तो उनके परिवार वालों ने बताया कि वह बीमारी के कारण ही पैरोल पर छोड़ा गया था। बाहर आने पर उसे ब्रेन हेमरेज हो गया था। उसे बेहतर इलाज के लिए मुंबई के एक अस्पताल में दाखिल कराया गया है। परिवार के लोगों ने मरीज की देखभाल में लगे होने का हवाला दिया, लेकिन जेल प्रशासन ने भी अपनी ओर से जानकारी जुटाए बिना एफआईआर दर्ज करा दी।